Acn18.com/छत्तीसगढ़ में बस्तर के कई ऐसे गांव हैं जिन्हें अब नक्सलियों से आजाद करवा दिया गया है। मुठभेड़ों में हार्डकोर नक्सलियों को ढेर किया गया। कइयों ने नक्सलवाद का दामन छोड़ा और मुख्यधारा में लौट आए हैं। यही वजह है कि अब ऐसे ही संवेदनशील गांव में पहली बार आजादी का जश्न मनाया गया। जन-गण-मन गाया गया। जवानों संग ग्रामीणों ने तिरंगा यात्रा निकाली। जिसकी तस्वीरें भी सामने आई है।
दंतेवाड़ा जिले के बुरगुम, बड़ेगादम और इंद्रावती नदी पार के तुमरीगुंडा गांव में पहली बार आजादी का जश्न मनाया गया है। साल 2017 में बुरे गम में पुलिस और नक्सलियों की मुठभेड़ हुई थी। पुलिस ने इस इलाके में सक्रिय हार्डकोर 2 महिला नक्सली पाले और विज्जे के साथ कुल 5 नक्सलियों को मार गिराया था। पाले और विज्जे दोनों पर 8-8 लाख रुपए का इनाम घोषित था। जिसके बाद कई नक्सलियों ने सरेंडर भी किया।
अब धीरे-धीरे यह गांव नक्सलियों की गुलामी से आजाद होने लगा है। पहली बार बुरगुम में जवानों के साथ इलाके के लोगों ने तिरंगा फहराया है। इसके अलावा बड़े गादम और तुमरी गुंडा जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों में भी शान से तिरंगा लहराया है। पुलिस जवानों के साथ ग्रामीणों ने स्वतंत्रता सेनानियों के अमर रहने के नारे लगाए। हिंदुस्तान जिंदाबाद, भारत माता की जय कारे से क्षेत्र गूंज उठा। पहली बार इन इलाकों में राष्ट्रगान जन-गण-मन गाया गया।
चांदामेटा में भी मनाया गया जश्न
छत्तीसगढ़-ओडिशा राज्य की सीमा पर चांदामेटा गांव है। कुछ समय पहले तक यह गांव नक्सलियों के ट्रेनिंग सेंटर के नाम से चर्चित था। लेकिन, अब यहां फोर्स ने कब्जा जमा लिया। यही वजह है कि, इस बारे दूसरी बार इस गांव में आजादी का जश्न मनाया गया। जवानों और ग्रामीणों ने तिरंगा रैली निकाली। देशभक्ति गीतों पर जमकर थिरके भी।
IG ने कहा- शान से लहराया है तिरंगा
बस्तर के IG सुंदरराज पी ने बताया कि, चिन्नागेलुर, तिमेनार, तोंडामरका, डब्बामरका सहित बस्तर के अनेक अंदरूनी क्षेंत्रो में पहली बार आजादी का जश्न मनाया गया। विकास, विश्वास और सुरक्षा के त्रिवेणी कार्ययोजना से ही यह साकार हुआ है। उन्होनें कहा कि, इन इलाकों में नक्सली पहले काला झंडा फहराते थे। लेकिन, इस बार तिरंगा झंडा लहराया है। इलाके में कई पुलिस कैंप भी खोले गए हैं। जिसका लगातार फायदा मिल रहा है। ग्रामीण विकास से जुड़ रहे हैं। नक्सली भाग रहे हैं।