आज यानी 04 दिसंबर को गीता जयंती है। गीता हिंदू धर्म का एक पवित्र ग्रंथ है। गीता के उपदेश में समस्त जीवन का सार छिपा हुआ है। गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने व्यक्ति के जीवन में आने वाली कई परेशानियों को कम करने और सुख-शांति से जीवन जीने के बारे में विस्तार से बताया गया है। श्रीमदभगवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन के मन में महाभारत के युद्ध के दौरान पैदा होने वाले भ्रम को दूर करते हुए जीवन को सुखी और सफल बनाने के लिए उपदेश दिए थे। ऐसे में गीता जयंती के अवसर पर आइए जानते हैं गीता के कुछ उपदेश, जिनका पालन करने पर व्यक्ति का मोक्ष और शांति की प्राप्ति होती है…
चिंता का त्याग करना
भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को उपदेश देते हुए कहते हैं कि कभी भी व्यक्ति को व्यर्थ की चिंता नहीं करनी चाहिए। हर किसी को एक न एक दिन मरना है, आत्मा न तो पैदा होती है और न ही ये मरती है। आत्मा अमर है, इसलिए व्यर्थ की चिंता से मुक्ति होकर कर्म के रास्ते पर बढ़ना चाहिए।
क्रोध पर नियंत्रण
गीता के उपदेश में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि क्रोध करने से सभी तरह के कार्य बिगड़ने लगते हैं। क्रोध करने से इंसान का पतन आरंभ हो जाता है। क्रोध करने से व्यक्ति अच्छे और बुरे परिणाम में फर्क करना भूल जाता है, जिस कारण से मनुष्य की तर्क शक्ति क्षीण हो जाती है और वह पतन के राह पर चल देता है।
मन पर रखें काबू
गीता के उपदेश में श्री कृष्ण ने बताया है कि जो व्यक्ति अपने मन पर काबू करना सीख लेता है, वह हर तरह की बाधा को आसानी से पार कर सकता है। इसलिए व्यक्ति को हर हाल में अपने मन पर नियंत्रण रखना चाहिए।
कर्म करते रहना
भगवान कृष्ण कहते हैं कि मनुष्य को ज्ञान और कर्म को एक समान रखना चाहिए। कर्म करते रहना चाहिए और फल की चिंता नहीं करनी चाहिए।
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