acn18.com कोरबा/ किसी भी कारण से एकेडमिक पाठ्यक्रम के माध्यम से बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाने वाले विद्यार्थियों के लिए सरकार ने ओपन स्कूल की सुविधा दी है। इसके माध्यम से विद्यार्थी आगे की परीक्षा के लिए पात्र हो सकते हैं। कोरबा जिले के तिलकेजा मैं ओपन स्कूल परीक्षा केंद्र में उत्तर प्रदेश के 24 छात्र परीक्षा देने पहुंचे हैं। छात्रों के बताएं मुताबिक फीस स्ट्रक्चर को देखते हुए उन्होंने छत्तीसगढ़ को विकल्प चुना है।
कॉलेज में प्रवेश करने के लिए जरूरी शर्त यही है कि विद्यार्थी पहले माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा पास करें। कई कारण से बहुत सारी विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा में बैठने के बावजूद आगे का रास्ता नहीं तलाश पाते। बीते वर्षों में सरकार ने ऐसे छात्रों को विकल्प देने के लिए ओपन स्कूल परीक्षा की सुविधा शुरू की। पूरे देश भर में इस व्यवस्था पर काम हो रहा है। 10 से 16 मार्च तक छत्तीसगढ़ में ओपन स्कूल की परीक्षाएं चल रही है। कोरबा जिले के अंतर्गत आने वाले तिलकेजा को भी इस परीक्षा के लिए केंद्र बनाया गया है। यहां पर कोरबा जिले के अलावा उत्तर प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्र से वास्ता रखने वाले 24 से विद्यार्थी परीक्षा देने के लिए पहुंचे हैं। इन सभी ने ऑनलाइन फॉर्म भरा और इस केंद्र को अपने लिए चुना। प्रताप सिंग ने बताया कि उत्तर प्रदेश में बोर्ड परीक्षा में शामिल होने पर सफलता नहीं मिला इसलिए ओपन स्कूल का विकल्प चुना गया है। वहां पर परीक्षा के लिए 10 से 15000 रुपए की फीस देनी होती है जबकि छत्तीसगढ़ में या खर्च लगभग ढाई से 3000 के आसपास का है।
प्रताप ने बताया कि तिलकेजा परीक्षा केंद्र मैं किसी भी शिक्षक से जान पहचान नहीं है और ना ही इसके लिए कोई संपर्क किया गया। यहां पर रहने के लिए एक भवन की सुविधा सरपंच से बातचीत कर ली गई है।एक और छात्र नीतीश से बातचीत हुई तो उसने बताया कि शिक्षा पाना सभी का अधिकार है और देश का कोई भी व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में पढ़ सकता है परीक्षा दे सकता है। यहां पर परीक्षा देने के लिए हम लोग आए हैं। सरकारी भवन का उपयोग सरपंच की अनुमति से किया जा रहा है इसके लिए उन्हें अथवा थाने को आवेदन नहीं दिया गया है।
कोरबा जिले में ओपन स्कूल परीक्षा को लेकर पिछले वर्षों में करतला और कुदमुरा केंद्र काफी सुर्खियों में रहे और बाद में यहां के केंद्र अध्यक्ष को भी बदलने की कार्रवाई की गई। ओपन स्कूल परीक्षा को लेकर सर्वसम्मा धारणा यही है कि इसमें विद्यार्थियों को बहुत सारी सुविधाएं मिलती हैं और सहूलियत भी। रहा सवाल परीक्षा लेने वाले ओपन स्कूल बोर्ड का तो वह आवेदन और शुल्क से मतलब रखता है।