acn18.com कोरबा/ कोविड-19 के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर हर तरफ चिंता और चुनौती बढ़ाई हैं रक्षाबंधन पर्व पर भी इसका असर देखने को मिला कोरबा जिले के जिलों में बंदी पुरुषों और महिलाओं को प्रत्यक्ष रूप से रक्षाबंधन मनाने की अनुमति नहीं दी गई । संबंधित लोगों ने यहां पर राखियां लाकर जमा कि जिन्हें नियत जगह तक जेल प्रबंधन ने भिजवाया ।
काफी समय से जिलों में अनेक मामलों को लेकर सख्ती बरती जा रही हैं और सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है । बंदियों से प्रत्यक्ष मुलाकात पर काफी समय से रोक लगी हुई है। महीने में चार बार 10 10 मिनट की मोबाइल कॉलिंग की सुविधा दी गई है। इसी कड़ी में अब रक्षाबंधन पर यहां पर मौजूद पुरुषों को उनकी बहनों के द्वारा प्रत्यक्ष रूप से राखी बांधने की सुविधा नहीं मिल सकी। और ना ही बंदी महिलाओं से बनवाने के लिए उनके भाई जेल परिसर के भीतर आ सके। निर्देशों के अंतर्गत पहले से दी गई सूचना के तहत परिजनों ने अपनी राखियां जेल प्रबंधन के पास पहुंचाई जिसके बाद उन्हें सही जगह पर भेज दिया गया। ज्योति और ममता भी रक्षाबंधन के मौके पर जेल पहुंची थी जहां पर उनके भाई किसी मामले में बंद हैं। उन्होंने बताया कि रक्षाबंधन पर हर वर्ष काफी उत्साह रहता था लेकिन इस बार बात कुछ और है।
जिला जेल प्रबंधन के द्वारा पहले से ही इस व्यवस्था को लेकर संबंधित लोगों को जानकारी दे दी गई थी। जेलर विज्ञानंद सिंह ने बताया कि अब तक की स्थिति में 40 से राखियां यहां पर पहुंची हैं। सेनीटाइज करने के साथ ही इन्हें संबंधित बंदियों तक पहुंचाया जा रहा है।
कोरबा के साथ-साथ कटघोरा के उप जेल में भी इसी प्रकार की व्यवस्था की गई और संबंधित लोगों को नई सुविधा से जोड़ने का काम किया गया। बताया गया कि कोविड-19 संक्रमण एक बार फिर विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है इसलिए किसी भी तरह से जोखिम मोल लेने की मानसिकता में हम नहीं हैं