acn18.com कोरबा। भाजपा और कांग्रेस ने कोरबा लोकसभा क्षेत्र के लिए महिला प्रत्याशी उतारे हैं। भाजपा ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडेय को प्रत्याशी बनाया है, तो कांग्रेस ने कद्दावर नेता डॉ. चरणदास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत को दोबारा मौका दिया है। पहली बार महिलाओं के बीच सीधी टक्कर होगी। इनके भाग्य का फैसला भी महिलाएं ही करेंगी, क्योंकि पुरुषों की तुलना में यहां महिला मतदाताओं की संख्या 11 हजार अधिक है।
कोरबा संसदीय क्षेत्र में इस बार महिलाओं का दबदबा है। यहां से भाजपा व कांग्रेस दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों ने महिलाओं को मैदान में उतारा है। पहली बार अविभाजित जांजगीर लोकसभा में ऐसा संयोग बना है, जब महिलाओं के बीच सीधी टक्कर है।
विधानसभा वार नजर डालें तो भरतपुर, बैकुंठपुर, रामपुर, मारवाही व पाली-तानाखार में राजनीतिक पार्टियों को महिलाओं को अधिक रिझाना होगा। वर्ष 2019 के आम चुनाव में इन क्षेत्रों में मतदान में भागीदारी का प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का अधिक रहा है। शहरी क्षेत्र की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं की साक्षरता दर 20 प्रतिशत कम है। इसके बाद भी ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी शहर के मुकाबले अधिक है।
मतदान का जिम्मा महिलाओं के पास
निर्वाचन अधिकारी ने लोकसभा सीट के आठ विधानसभा क्षेत्रों में कोरबा विधानसभा क्षेत्र में मतदान का दायित्व भी महिला अधिकारियों व कर्मचारियों को सौंप दिया है। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हुए यहां के सभी 249 केंद्रों में पीठासीन अधिकारी से लेकर सहायक मतदान अधिकारी भी महिलाओं को ही बनाया जाएगा।
प्रत्येक बूथ में चार महिला कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। इसके साथ ही तीन सहायक मतदान अधिकारी और सुरक्षा अधिकारी भी महिलाएं ही होंगी। इस तरह 1200 से भी अधिक महिला कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी।
इन पांच विधानसभा में महिलाएं आगे
कोरबा लोकसभा के आठ विधानसभा पाली-तानाखार, रामपुर, भरतपुर-सोनहत, बैकुंठपुर, मारवाही में महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है। इसमें बैकुंठपुर को छोड़कर सभी चार विधानसभा क्षेत्र आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित है। यही वजह है कि इस बार कांग्रेस व भाजपा का चुनाव प्रचार महिलाओं पर केंद्रित है।