छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला रेलवे के लिए ऐसा क्षेत्र बन गया है जिसका सिर्फ दोहन किया जाता है। नाम मात्र की सुविधा प्रदान करने वाला रेल प्रबंधन कोरबा रेलवे स्टेशन पर सेकंड एंट्री प्रारंभ करने का जो ड्रामा करता है उसका खामियाजा कोरबा पूर्व से आने वाले यात्री हर रोज भुगतते हैं । इस सेकंड एंट्री की उपयोगिता चोरों के लिए बढ़ गई है इसकी जानकारी आमजन को नहीं है।
सूत्रों से पता चला कि कोरबा रेलवे स्टेशन की सेकंड एंट्री के पास जहा रेलवे साइडिंग का निर्माण किया गया है बड़ी मात्रा में यहां कोयला डंप किया जाता है इसे लोडर के जरिए मालगाड़ियों में भरा जाता है ।यहां कोयला चोर भी खूब सक्रिय दिखाई देते हैं ।इस जानकारी के बाद जब हमारी टीम आज सुबह रेलवे स्टेशन की सेकंड एंट्री के पास पहुंची तो वहां पाया गया की अन्य दिन की अपेक्षा आज कोयला चोरी करने वालों की संख्या कम है लेकिन जो लोग दिखे वे छांट कर कोयला बोरियों में भरकर ले जाने की तैयारी करते पाए गए। कैमरा देखते ही कुछ लोग तो भाग खड़े हुए लेकिन कुछ लोग केमरे में कैद हो गए।
पता चला है कि यहां तैनात सुरक्षाकर्मी चोरों को पूरा संरक्षण देते हैं। रेलवे के अधिकारी भी इन चोरों को कुछ कहने की बजाय उन्हें अभय दान दे देते हैं। लोडर, डोजर ऑपरेटर भी इन कोयला चोरों की ओर दृष्टि नहीं डालते शायद उन्हें भय रहता है की कहीं समूह में आकर यह कोयला चोर उन पर हमला न कर दे।
बहरहाल कोरबा के लोगों को रेल सुविधा के नाम पर भले ही रेल प्रबंधन ने झुनझुना थमा दिया हो लेकिन कोयला चोरों को रेल अधिकारी फलने फूलने का खूब अवसर दे रहे हैं