ACN18.COM कोरबा /कोरबा अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट सोसाइटी लिमिटेड के द्वारा चलाई जा रही 48 से अधिक सिटी बसें 2 वर्ष से बंद पड़ी है। सोसाइटी ने लोगों को सुविधा देने के उद्देश्य से पुरानी एजेंसी दुर्गांबा कर्नाटक के साथ हुए अनुबंध को समाप्त करने और फिर से टेंडर करने की प्रक्रिया शुरू की है। सिटी बसों के सड़क पर आने से विद्यार्थियों के साथ-साथ आम लोगों को काफी फायदा मिलेगा।
कोविड 19 के कारण वर्ष 2019 में सुरक्षा कारणों से सभी तरह की आर्थिक गतिविधियों को बन्द कर दिया गया था। सिटी बसों का परिचालन भी तब से बंद कर दिया गया। लंबे समय तक जमनिपली के टर्मिनल में खड़े रहने से बसों की दुर्गति हो गई है। इससे हितग्राहियों को परेशानी हो रही है। नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल बताते हैं कि भाजपा शासनकाल में सिटी बसों की सुविधा आम लोगों के हित में शुरू की गई थी। कोविड के कारण 48 बसों का परिचालन बंद हो गया, तब से जनता परेशान है। सिटी बसों की सुविधा फिर से लोगों को कैसे मिले इस बारे में शीघ्रता से कार्रवाई की जानी चाहिए।
सिटी बसों के नहीं चलने से खास तौर पर कोरबा शहर से दूर के विद्यार्थियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल और कॉलेज आने वाले ऐसे विद्यार्थियों को ज्यादा रुपए देने पड़ रहे हैं और अभी समय गंवाना पड़ रहा है। पीजी कॉलेज कोरबा के प्राचार्य आरके सक्सेना बताते हैं कि अगर सिटी बसों का परिचालन शुरू हो जाता है तो विद्यार्थियों के साथ-साथ कामकाजी वर्ग को भी इसका लाभ मिलेगा।
खबर के अनुसार सेवा प्रदाता दुर्गाम्बा ने सिटी बसों के परिचालन से पीछे हटने का मन बनाया है और इस बारे में हाई कोर्ट में वाद दायर किया है.। इसलिए कोरबा अर्बन पब्लिक सोसाइटी ने पुराने टेंडर को रद्द करने के साथ 5 जुलाई तक नया टेंडर कॉल करने की योजना बनाई है।
योजना के अंतर्गत प्रशासन के द्वारा बनाई गई कोरबा अर्बन पब्लिक सोसाइटी सिटी बसों को फिर से चलाने के लिए तैयारी में जुटी हुई है। देखना होगा कि रीटेंडर की प्रक्रिया में कौन-कौन पार्टियां दिलचस्पी दिखाती हैं।