Acn18.com/कोरबा का जिला जेल इन दिनों डाॅक्टर की कमी से जूझ रहा है। जेल में पदस्थ डाॅक्टर के रिटायर होने के बाद यहां दूसरे चिकित्सक की पदस्थापना नहीं हो सकी है जिसके कारण जेल में निररुद्ध किसी कैदी की सेहत खराब हो जाती है,तो उसे तत्काल जिला अस्पताल ले जाना पड़ता है। चिकित्सक की नियुक्ति के लिए अस्पताल प्रबंधन ने सीएमएचओ,संचनालय के साथ ही मुख्यालय को पत्र लिखा है।
जिला जेल में निरुद्ध किसी कैदी की सेहत अगर खराब हो जाती है,तो उसे तत्काल उपचार लाभ मिल पाना कुछ महिनों से काफी मुश्किल भरा काम साबित हो रहा है। जेल में पदस्थ चिकित्सक के रिटायर होने की स्थिती में यह समस्या जेल में पिछले तीन माह से बनी हुई है। 31 जुलाई को चिकित्सक की सेवाएं यहां समाप्त हुई है जिसके बाद नए डाॅक्टर की पदस्थापना नहीं हो सकी है,जिसके कारण सेहत बिगड़ने की स्थिती में किसी मरीज को तत्काल उपचार दिलवा पाना प्रबंधन के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। जेल प्रबंधन ने बताया,कि यहां एक चिकित्सक और दो पैरामेडिकल स्टाॅफ के पोस्ट स्वीकृत है। पैरामेडिकल स्टाफ तो है ही नहीं और जो चिकित्सक भी था उसका रिटायारमेंट 31 जुलाई को हो गया है ऐसे स्थिती में मरीजों को उपचार देने में काफी समस्या हो रही है। गंभीर स्थिती में मरीज को आनन-फानन में जिला अस्पताल ले जाना पड़ता है जिसके कारण काफी दिक्कतें झेलनी पड़ती है।
जिला जेल में इस वक्त 18 महिला कैदी समेत कुल 250 बंदी निरुद्ध है। प्रबंधन द्वारा दिन रात उनकी निगरानी की जा रही है। जिस तरह से अस्पताल में चिकित्सक की कमी बनी हुई है उसे दूर करने के लिए प्रबंधन ने सीएमएचओ,संचनालय के साथ ही मुख्यालय को भी पत्र लिखा है जिसका अब तक जवाब नहीं आ सका है। अस्पताल में अगर जल्द ही किसी चिकित्सक की पदस्थापना नहीं हुई तो आने वाले समय में समस्या के बढ़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।