acn18.com कोरबा/कोरबा जिले में धान खरीदी का काम तो जोरों पर है लेकिन उठाव की गति धीमी होने के कारण केंद्रो में धान का अंबार लगा हुआ है। जिले के लगभग सभी केंद्रो में खरीदी का काम जोर पकड़ लिया है लेकिन उठाव का काम संतोषजनक नहीं है। हमने करतला और सोनपुरी के उपार्जन केंद्र का दौरा किया धान का बंपर स्टाॅक जमा है लेकिन उठाव का कार्य काफी धीमा चल रहा है।
कोरबा जिले में धान खरीदी का काम काफी जोरों शोरों से चल रहा है। दिसंबर का महिना लगने के साथ ही सभी केंद्रो में किसानों की भीड़ उमड़ने लगी है। व्यवस्था के अनुरुप खरीदी का काम तो चल रहा है लेकिन उठाव को लेकर समस्या अब भी बनी हुई है। लगभग सभी केंद्रो में धान का बंपर स्टाॅक जमा लेकिन उठाव की गति धीमी है। हमने करतला के धान खरीदी केंद्रो का निरिक्षण किया जहां चबूतरों में धान को रखा गया है। फड़ प्रभारी ने बताया,कि यहां 221 किसानों ने 12 हजार क्विंटल से अधिक धान बेच लिया है। करीब सात सौ की संख्या में यहां किसान पंजीकृत है। फड़ प्रभारी ने बताया,कि उठाव को लेकर पिछले कुछ दिनों से समस्या आ रही है मिलर गाड़ी नहीं लगा रहे जिससे उठाव काफी प्रभावित हो रहा है।
करतला के बाद हम सोनपुरी के उपार्जन केंद्र पहुंचे। यहां उम्मीद के मुताबिक धान खरीदी का कार्य अब तक जोन नहीं पकड़ा है। पंजीकृत किसानों की अपेक्षा काफी कम किसानों ने ही अपना धान बेजा है। फड़ प्रभारी भरतलाल साहू ने बताया,कि किसान अभी भी कटाई करने में व्यस्त है यही वजह है,कि 1080 किसानों में से केवल 80 किसानों ने ही धान बेचा है जिसकी संख्या तीन हजार क्विंटल के आस पास है। उनका मानना है,कि आने वाले कुछ दिनों में किसानों की भीड़ यहां पहुंचने लगेगी।
धान के उठाव को लेकर प्रशासन को ध्यान देने की जरुरत है क्योंकि मौसम कभी भी बदल सकता है बारिश होने की स्थिती में धान भीग भी सकता है। हर साल खरीदी के दौरान बारिश होती है जिससे धान भीग जाता है। लिहाजा खरीदी के साथ ही प्रशासन को उठाव में तेजी लाने की जरुरत है ताकी अन्न दाताओं की मेहनत बेकार न जाए।
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