acn18.com तुर्किये/ तुर्किये और सीरिया में भूकंप के चलते अब तक 7800 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। 30 हजार से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं। भारत समेत दुनिया के कई देशों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। भारत से राहत-बचाव दल तुर्किये पहुंच चुका है। मेडिकल टीम भी है।
हजारों की संख्या में अभी भी लोग मलबे के नीचे मौत से जंग लड़ रहे हैं। इन्हें रेस्क्यू का काम तेजी से चल रहा है। रातभर लोग अपनों की तलाश करते रहे। हाथों से मिट्टी हटाते रहे। मलबे के नीचे बड़ी संख्या में लोग जिंदा हो सकते हैं, यही कारण है कि रेस्क्यू टीम को भी काफी संभलकर काम करना पड़ रहा है। इस बीच, भूकंप के कहर की कुछ ऐसी कहानियां सामने आईं, जिसे सुनकर हर किसी का दिल भर आया। आइए एक-एक करके उन कहानियों को जानते हैं…
मलबे के नीचे पैदा हुई बच्ची, जिंदा निकाली गई
ये खबर सीरिया से आई है। यहां मलबे के नीचे फंसी एक गर्भवती महिला ने नवजात को जन्म दिया। न्यूयॉर्क टाइम्स को 34 वर्षीय खलील अल शमी ने बताया कि सोमवार को सीरिया के जिंदेरेस शहर में भूकंप के चलते उनके भाई का घर भी तबाह हो गया। पूरी इमारत मलबे के ढेर में तब्दील हो गई थी। वह अपने भाई और अन्य परिजनों को तलाशने के लिए मलबे की खुदाई कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अपनी भाभी के गर्भनाल से एक नजवात बच्ची को जुड़े हुए देखा। तुरंत उन्होंने गर्भनाल काट दिया। बच्ची रोने लगी। उसे बाहर निकाला। मलबा को पूरी तरह से हटाया तो पता चला कि बच्ची की मां मर चुकी है। बच्ची अभी अस्पताल में है और सुरक्षित है। खलील के अनुसार, उनकी भारी गर्भवती थीं और एक-दो दिन बाद वह बच्चे को जन्म देने वाली थीं, लेकिन भूकंप आने के बाद सदमे के चलते उन्होंने मलबे के अंदर ही बच्ची को जन्म दे दिया। करीब 30 घंटे बाद बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
दो बहनों को जब सुरक्षित निकाला गया
इसी तरह एक अन्य सीरियाई शहर में रेस्क्यू टीम ने वीडियो के जरिए मलबे के अंदर दो बच्चियों को जिंदा देखा। दोनों एक-दूसरे के ऊपर लेटी हुई थीं। रेस्क्यू टीम के कर्मचारी ने उनसे पूछा कि क्या आप खेलना जानती हैं? इसपर एक बच्वी ने रोते हुए जवाब दिया कि नहीं, मुझे बाहर निकालो। इसके बाद करीब डेढ़ घंटे तक मशक्कत करने के बाद दोनों बच्चियों को बाहर निकाला गया।
बच्चे ने मलबे के अंदर से बनाया वीडियो
एक बच्चे का वीडियो भी सामने आया। लाल रंग का टी-शर्ट पहने लड़का मलबे के नीचे फंसा हुआ था। वीडियो बनाते हुए वह कहता हुआ दिखाई दे रहा है कि मैं नहीं जानता कि मैं क्या महसूस कर रहा हूं और उसका कैसे वर्णन करूं। मुझे ये भी नहीं पता कि मैं जिंदा रहूंगा भी या नहीं। तभी पीछे से एक और आवाज सुनाई देती है। आगे बच्चा बताता है कि यहां दो से तीन परिवार फंसे हुए हैं। भगवान हमारी मदद करें।
रातभर लोग हाथों से हटाते रहे मलबे
हजारों धराशायी इमारतों के मलबे में दबे दसियों हजार लोगों की टूटती सांस के लिए हर बीत रहा पल बेशकीमती है। इन टूटती सांसों को जिंदगी देने में जुटे बचावकर्मी जीजान से कोशिश कर रहे हैं। बर्फीली रात में सैकड़ों बचावकर्मी हाथों से भी मलबा हटाकर लोगों की तलाश में जुटे रहे हैं। तुर्की और सारिया में स्थानीय और विदेशी बचाव दल शून्य से नीचे के तापपमान के बीच ढही टनों वजनी छतों और दीवारों में फंसी जिंदगियों को बचाने के लिए समय से संघर्ष कर रहे हैं।
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आशंका है कि आने वाले दिनों में मलबे साफ होने के साथ मौत का आंकड़ा दसियों हजार में हो सकता है। कई हजार लोगों का तो पता ही नहीं है, जो नींद में ही मौत की नींद सो गए। मलबा साफ होने के साथ बच्चों और अन्य परिवारीजनों के शव निकलते देखना दिल तोड़ देता है। एपिसेंटर के करीब बसे मालट्या में 5 लाख लोग रहते हैं। इलाके में कई सौ इमारतें पूरी तरह से तबाह हो चुकी हैं। वहीं, मलबे पर बर्फबारी के कारण बचाव कार्य ठीक से नहीं हो पा रहा है।
खिलौनों की तरह उछला कंटेनर
भूकंप के झटकों ने भूमध्य सागर में स्थित तुर्किये के इस्कंदेरन बंदरगाह पर रसायनों और अन्य ज्वलनशील पदार्थों से भरे विशाल कंटेनरों को खिलौनों की तरह उछालकर बुरी तरह उलट-पलट दिया और उनमें भयानक आग लग गई। बंदरगाह बंद किया गया है।
जेल से भागे आईएस के आतंकी
तुर्किये-सीरिया सीमा पर स्थित सीरियाई शहर राजो के करीब बनी एक जेल से इस्लामिक स्टेट के 20 से ज्यादा आतंकी भाग गए। जेल कैदियों और सुरक्षकर्मियों के बीच संघर्ष हुआ और कैदियों ने नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया, इसके बाद सैकड़ों कैदी भाग गए।