छत्तीसगढ़ वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष विरेंद्र पांडेय ने कोरबा के जिला प्रशासन पर काफी गंभीर आरोप लगाते हुए उरगा थाने में शिकायत कर दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है,कि ग्राम बरीडीह में जिस सरकारी राशि का उपयोग कर तालाब बनाया गया था उसका उपयोग आम जनता के हित में करने के बाद सरकारी नक्शे में गड्ढा बताकर राखड़ से पाट दिया गया। इस मामले में पंचायत प्रतिनिधीयों के साथ ही सरकारी अधिकारियों की संलिप्तता हो सकती है।
देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शुमार कोरबा जिले के पाॅवर प्लांटो से निकलने वाली राख की सौ फीसदी उपयोगिता साबित करने में प्रशासन नाकाम रहा है। यही वजह है,कि गड़बड़ी और फर्जीवाड़ा कर राखड़ को जहां तहां पाटा जा रहा है। ऐसे ही एक मामले की शिकायत छत्तीसगढ़ वित्त आयोग के अध्यक्ष विरेंद्र पांडेय ने उरगा थाने में दर्ज कराई है। उनका आरोप है,कि लैंको पाॅवर प्लांट से सटे ग्राम बरीडीह में वर्ष 2020 में 12 लाख 57 हजार रुपए की लगात से लोगों के निस्तार के लिए तालाब खुदवाया गया था लेकिन राख के लिए तालाब को सरकारी नक्शे में गड्ढा करार देकर उसे राखड़ से पाट दिया गया। अब यह राखड़ किसी निजी कंपनी का था या फिर सरकारी संस्थान का इस बात का पता नहीं चल सका है। वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष ने इस मामले में पंचायत प्रतिनिधीयों के साथ ही सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत होने का आरोप लगाते हुए ठोस कार्रवाई करने की मांग की है।
आम जनता के निस्तार के लिए बनाए गए तालाब को जिस तरह से राखड़ से पाटा गया है वह एक गंभीर मसला है। प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सुक्ष्म तरीके से जांच कराने की आवश्यकता है ताकी वास्तविकता सामने आए और दोषियों पर कार्रवाई हो सकेे।