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कोरबावासियों ने रेलवे को दी चेतावनी, अब यात्री गाड़ी नहीं तो कोयला लदान भी नहीं

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रेलवे द्वारा लगातार यात्री सुविधाओं की अनदेखी पर कोरबा विकास समिति रेल के बैनरतले हुई बैठक

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 प्रेस क्लब कोरबा के तिलक भवन में हुई बैठक में शामिल हुए खास और आम, सभी ने रखी अपनी राय

कोरबा। रेलवे द्वारा जिले में लगातार रेल यात्री सुविधाओं की अनदेखी को लेकर आक्रोशित कोरबावासी लामबंध हो गए हैं। सोमवार को कोरबा पहुंचे रेलवे बोर्ड के चेयरमेन से भी जब रेलवे के अधिकारियों ने यहां के जनप्रतिनिधियों और नागरिकों को मिलने नहीं दिया तो शहरवासियों का आक्रोश और भड़क गया। लिहाजा मंगलवार को प्रेस क्लब तिलक भवन के सभागार में कोरबा विकास समिति रेल के बैनर तले रेलवे को सबक सीखाने और इस बार आरपार की लड़ाई छेड़कर जिले के यात्रियों को उनका अधिकार दिलाने निर्णायक फैसला लिया गया। मंचस्थ अतिथियों सहित सभागार में उपस्थित सभी नागरिकों ने एकमतेन कहा कि अब रेलवे की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और यदि जिले के यात्रियों को रेल सुविधाएं नहीं उपलब्ध करायी गई तो कोयला का लदान पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा फिर चाहे इसके लिए कोई भी परिणाम भुगतना पड़े।
यहां बता दें कि अर्से से कोरबा रेल यात्री सुविधाओं की उपेक्षा झेलता चला आ रहा है। बिलासपुर मंडल सहित रेलवे बोर्ड को कोयला लदान से सर्वाधिक राजस्व देने वाले कोरबा जिले की लगातार उपेक्षा से अब जिले के लोगों का आक्रोश चरम पर पहुंच चुका है। हालांकि अनेकों मर्तबा इसके लिए अलग-अलग मंचों से आवाज बुलंद की गई, लेकिन परिणाम सिफर ही रहा। दो माह पहले रेलवे के जीएम आलोक कुमार कोरबा पहुंचे थे, उस दौरान भी यहां के नागरिकों ने उनसे मुलाकात कर यात्री सुविधाओं की ओर उनका ध्यान आकृष्ट कराया था। उन्होंने उस दौरान आश्वस्त किया था कि शीघ्र ही कोरबा से बंद ट्रेनें चालू होंगी और अन्य यात्री सुविधाओं को भी जल्द बहाल किया जाएगा, लेकिन दो माह बीतने के बाद भी जीएम का वादा झूठा साबित हुआ। सोमवार को रेलवे बोर्ड के चेयरमेन वीके त्रिपाठी कोयला ढुलाई का जायजा लेने कोरबा पहुंचे। इस दौरान रामपुर विधायक ननकीराम कंवर, महापौर राजकिशोर प्रसाद, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश परसाई की अगुवाई में जिले के नागरिक चेयरमेन से मुलाकात के लिए कोरबा रेलवे स्टेशन पहुंचे। जहां रेलवे के डीआरएम सहित स्थानीय अधिकारियों ने इन सभी को चेयरमेन से मिलने नहीं दिया। जिसके बाद जिले के नागरिकों में आक्रोश भड़क गया और सभी का कहना है कि जिस तरह से रेलवे के अधिकारियों ने हमारे जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा की है वह बर्दाश्त से बाहर है। लिहाजा मंगलवार को कोरबा विकास समिति रेल के तत्वाधान में प्रेस क्लब तिलक भवन में सर्वदलीय बैठक आहूत की गई। जिसमें लगभग सभी नागरिक शामिल हुए और वक्ताओं ने अपनी बात रखते हुए साफ तौर पर रेलवे को चेतावनी दी कि कोरबा की अब और उपेक्षा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कहा गया कि बड़े आंदोलन से पहले रेलवे को यात्री सुविधाएं बहाल करने के लिए 15 दिन का अल्टिमेटम दिया जाएगा और यदि इसके बाद भी कोताही बरती गई तो आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी। जिसके तहत कोरबा से कोयला का लदान तब तक बंद कर दिया जाएगा जब तक की नागरिकों की मांगे नहीं मानी जाती। बैठक को उपस्थित सभी वक्ताओं ने संबोधित किया। इस अवसर पर सुझाव भी लिए गए जिसे मांग पत्र में शामिल किया जाएगा।

बैठक में ये रहे उपस्थित
तिलक भवन के सभागार में हुई बैठक के दौरान रामपुर विधायक ननकीराम कंवर, महापौर राजकिशोर प्रसाद, निगम सभापति श्यामसुंदर सोनी, पूर्व विधायक लखनलाल देवांगन, श्यामलाल कंवर, हरीश परसाई, विजय खेत्रपाल, किशोर शार्मा, कमलेश यादव, एमडी माखिजा, सपना चौहान, कुसुम द्विवेदी, हितानंद अग्रवाल, आरिफ खान, मुरली महंत, नरेन्द्र कुमार अग्रवाल, देवेन्द्र पाण्डेय, शनित शुक्ला, किशोर सिंह, जिला उद्योग संघ और अग्रवाल सभा कोरबा के अध्यक्ष श्रीकांत बुधिया, जिला ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नौशाद खान, कायस्थ समाज एवं प्रेस क्लब कोरबा के अध्यक्ष राकेश श्रीवास्तव, यादव समाज के जिला अध्यक्ष नत्थूलाल यादव, साहू समाज से गिरधारी साहू, चेम्बर ऑफ कामर्स से विनोद अग्रवाल, एचएमएस से रेशम लाल यादव, एटक से दीपेश मिश्रा, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन से अरूण शर्मा, राजपूत क्षत्रीय समाज एवं पूर्वांचल सर्व विकास समिति कोरबा के जिला अध्यक्ष ठा.अवधेश सिंह, रेल संघर्ष समिति से मनोज अग्रवाल व प्रेम मदान, जिला अधिवक्ता संघ सचिव नूतन सिंह ठाकुर, पार्षद अमरजीत सिंह, रितु चौरसिया, पुराईन बाई कंवर, पोषकदास महंत, बालाराम साहू, चितरंजन साहू, विनोद सिन्हा, मोहम्मद रफीक मेमन, मो. न्याज नूर आरबी, मनोज पराशर, रवि चंदेल, विकास झा, अजय साहू, कैलाश सिंह राजपूत, नारायण महंत एवं अनवर रजा सहित बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे।

इन मांगों पर बनी सहमति
आंदोलन से पहले रेलवे को मांगों से संदर्भित जो अल्टिमेटम लेटर सौंपा जाएगा उसमें कोरोनाकाल से पहले गेवरा रोड कोरबा से चल रही और वर्तमान में बंद ट्रेनों को बहाल करने, सेकंड एंट्री शुरू करने, दीपका में रेलवे स्टेशन की मांग और यदि यहां संभव नहीं हुआ तो जवाली में बन रहे स्टेशन का नाम दीपका रखने, वर्तमान में सप्ताह में चार दिन चल रही हसदेव एक्सप्रेस को नियमित करने, शिवनाथ की वापसी गेवरा रोड तक, नई ट्रेनों में नौतवा, रिवा एक्सप्रेस और नर्मदा सहित बिकानेर एक्सप्रेस को कोरबा से चलाने, कोरबा हावड़ा एक्सप्रेस एवं कोरबा से रांची के लिए ट्रेन की मांग शामिल होगी। इसके अलावा गेवरा रोड स्टेशन का नाम बदलकर कुसमुंडा रखने और पिटलाईन को तत्काल शुरू कराने की मांग पर सहमति बनी है।

 

 

 

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