acn18.com बिहारपुर/स्वास्थ्य क्षेत्र पर भारी-भरकम खर्च के बावजूद सूरजपुर जिले में अभी भी कई इलाके ऐसे हैं जहां सुविधाएं बहुत दूर हैं। मरीजों को अस्पताल ले जाने के लिए खाट ही एकमात्र विकल्प बाकी रह गया है। इस तरह की तस्वीरें ना केवल चौकाती है बल्कि काफी कुछ सोचने को मजबूर करती है। इस मामले में भाजपा और आम आदमी पार्टी के निशाने पर सरकार है, जिस पर नाकामी के आरोप लग रहे हैं
मरीज को खाट पर लेकर कई किलोमीटर की यात्रा करते यह तस्वीर सूरजपुर के लिए कोई नई बात नहीं है। जिले में ऐसी तस्वीरें अक्सर सामने आती रहती हैं। खासकर सरहदी इलाका बिहारपुर से, यह इलाका आदिवासी बहुल इलाका है, जहां राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पण्डो जनजाति बड़ी संख्या में निवास करते हैं।इस इलाके में कई ऐसे गांव हैं जो आज भी पहुंचविहीन हैं। जिसकी वजह से एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाती है, इसलिए मेडिकल इमरजेंसी पड़ने पर ग्रामीणों को अस्पताल तक पहुंचने के लिए मरीज को खाट में लेकर कई किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है।कई बार तो यह भी देखने को मिला है की गर्भवती महिला को खाट में लेकर अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में ही बच्चे को जन्म दिया है। लगातार ग्रामीणों के द्वारा इसकी शिकायत आला अधिकारी और नेताओं से की जा चुकी है, बावजूद इसके आज भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
मरीज को खाट पर ले जाना पड़ रहा अस्पताल,स्वास्थ्य विभाग के मामले में लगातार अनदेखी pic.twitter.com/Va6V9oVQfi
— acn18.com (@acn18news) December 25, 2022
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री यह मान रहे हैं कि कई गांव आज भी मौजूद है जिसकी वजह से वहां मेडिकल सुविधा मुहैया नहीं हो पा रही है, लेकिन साथ ही वह मीडिया पर भी ठीकरा फोड़ते हुए नजर आ रहे हैं। वही विपक्ष इस पूरे मामले में राज्य सरकार को घेर रही है, और उनकी विफलताएं गिना रही है। जनकी आम आदमी पार्टी कह रही हैं कि यदि उनकी सरकार बनती है तो वह दिल्ली की तर्ज पर पूरे जिले में मोहल्ला क्लीनिक की शुरुआत करेंगे।
भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हो, लेकिन एक बात तो साफ है कि वह भाजपा के 15 साल हो या कांग्रेस के 4 साल इस इलाके में दोनों ही पार्टियों के विकास के दावे अभी तक पूरी तरह से विफल रहे हैं।