acn18.com/ साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड की मानिकपुर खदान के समीप नीलगिरी की अवैध कटाई का मामला खूब सुर्खियों में रहा। इस मामले में एक कथित पत्रकार और रेंजर की भूमिका अत्यंत संदिग्ध है। रेंजर तो सब कुछ जानकार अनजान बनने का नाटक कर रहा है
मानिकपुर खदान के डंप एरिया में नीलगिरी के वृक्षों को काटने का एक मामला पिछले सप्ताह प्रकाश में आया। मीडिया कर्मियों ने ही इस अवैध कटाई का राजफ़ास किया। सूचना मिलने के पश्चात वन विभाग की टीम ने कटाई क्षेत्र का दौरा भी किया। दौरा करने वाले वन कर्मियों ने बताया था कि उन्हें अधिकारियों द्वारा यहां भेजा गया है ताकि यह जाना जा सके की कितने पेड़ काटे गए हैं और पर्यावरण को कितना नुकसान पहुंचा है।
नीलगिरी के वृक्षों की अवैध कटाई के इस मामले की न्यूज़ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने प्रमुखता से प्रकाशित और प्रसारित की। आज जब मीडिया कर्मियों ने डीएफओ ऑफिस पहुंचकर क्षेत्र के रेंजर मृत्युंजय शर्मा से इस मामले की प्रगति के विषय में जानना चाहा तो वह यह कहकर भाग निकले कि उन्हें इस मामले की कोई भी जानकारी है ही नहीं। उनकी बदहवासी देखकर ऐसा लगता था कि वह इस मामले को रफा-दफा करने के मूड में है
ध्यान रहे कोरबा रेंजर मृत्युंजय शर्मा जब बाकी मोगरा में पदस्थ थे तो उनके ऊपर उनके ही बिट गार्ड ने अवैध कटाई करने का आरोप लगाया था ।बीट गार्ड द्वारा मृत्युंजय शर्मा से की गई बातचीत को रिकॉर्ड कर उसका वीडियो भी वायरल कर दिया गया।था ।मृत्युंजय शर्मा पर आरोप लगा था कि वह अवैध रूप से बांस की कटाई कर और करवा रहे हैं। इस मामले में विभागीय जांच भी हुई थी लेकिन आज तक पता नहीं चला की बीट गार्ड के आरोप और रेंजर मृत्युंजय शर्मा की करनी पर विभाग ने क्या एक्शन लिया।
बहरहाल मानिकपुर के डंप एरिया से नीलगिरी के वृक्षों की कटाई के मामले में वन विभाग अथवा मानिकपुर प्रबंधन ने क्या कदम उठाया है इसकी जानकारी अप्राप्त है । दोनों जिम्मेदार विभाग को इस मामले में रुचि लेकर स्पष्ट करना चाहिए की नीलगिरी की कटाई वैध है अथवा अवैध। यदि अवैध है तो फिर संबंधित लोगों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करना चाहिए क्योंकि कोरबा प्रदूषण की मार झेल रहा है यदि इसी तरह हरे भरे वृक्षों को काटा जाता रहेगा तो कोरबा को कब्रिस्तान बनते देर नहीं लगेगी