acn18.com/ छत्तीसगढ़ के 14 नगर निगम में आरक्षण की प्रक्रिया पूर्ण हो गई है. छत्तीसगढ़ की राजधानी और ऊर्जा धानी की सीट सामान्य महिला के लिए आरक्षित कर दी गई है. यहां से जो नेता चुनाव लड़ने की मंशा पाले हुए थे उनमें से कुछ तो आरक्षण के कारण कट गए और कुछ महिला के लिए आरक्षित होने के कारण खुद चुनाव लड़ने से वंचित हो गए.हां जो राजनीतिक गलियारे में अच्छी दखल रखते हैं अब वह प्रयत्न करेंगे कि उनकी गृह स्वामिनी पार्टी प्रत्याशी बनकर निगम कार्यालय में महापौर की सीट पर विराजे
नगर निगम कोरबा क्षेत्र के रहवासी और राजनीति में दखल रखने वाले नेताओं को बेसब्री से इंतजार था 7 जनवरी का. आज 7 जनवरी को सब की धड़कनें बढ़ी थी ।प्रतीक्षा थी आरक्षण प्रक्रिया के प्रारंभ होने का। अपने-अपने सूत्रों से सभी जानकारी हासिल करने का प्रयास कर रहे थे ।जैसे ही पता लगा की कोरबा नगर निगम सामान्य महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया है ,पुरुष वर्ग के नेताओं में निराशा ने घर कर लिया होगा।
हां उन महिला नेत्रियों के चेहरे दमक उठे होंगे जो राजनीति में सक्रिय हैं और स्वयं को पार्टी की ओर से टिकट प्राप्त करने की हकदार समझती होंगी। सत्ताधारी दल भाजपा में जो महिलाएं इस समय किसी पद पर रहकर पार्टी का कार्य कर रही है उनका ध्यान अपने और अपने परिवार के बैंक बैलेंस की ओर अवश्य गया होगा। आपस में विचार विमर्श शुरू हो गया होगा कि यदि प्रयास करने के पश्चात पार्टी टिकट दे देती है तो चुनाव लड़ने के लिए जो पैसे खर्च होंगे उसकी व्यवस्था है अथवा जमीन जायदाद बेचकर इंतजाम करना होगा। क्योंकि प्रदेश में भाजपा की सरकार है इसलिए भाजपा कार्यकर्ता यह मानकर चल रहे हैं की कोरबा नगर निगम के प्रशासनिक भवन सकेत में अगले 5 वर्ष के लिए उनकी ही पार्टी का महापौर विराजित होगा।
विपक्षी दल कांग्रेस में भी होड मचेगी.किसकी किस्मत में पार्टी की टिकट लिखी है यह तो वक्त बताएगा लेकिन कयास लगाया जा रहा है कि किसी न किसी स्थापित नेता की पत्नी ही टिकट प्राप्त कर चुनावी समर में उतरेगी।
बहरहाल भाजपा और कांग्रेस नेताओं की धड़कन बढ़ गई है। जिन्हें अभी भी उम्मीद है कि वह अपनी घरवाली अथवा अपनी समर्थक महिला कार्यकर्ता को पार्टी प्रत्याशी बनाने में सफल हो जाएंगे उनके गाड़ी की स्पीड बढ़ गई है। वह या तो कोरबा में भ्रमण करने लगे हैं या फिर उनकी गाड़ी राजधानी की डगर पकड़ चुकी है