रायबरेली। यहां चेहरे मायने जरूर रखते हैं, लेकिन इस बार पार्टियों की भी बातें हैं। इसकी झलक अमेठी के मुन्ना सिंह त्रिशुंडी की बातों में मिलती है। वह कहते हैं कि ‘यहां उम्मीदवार के नाम पर नहीं, पार्टी के नाम पर चुनाव हो रहा है। पंजे के चाहने वालों की कमी नहीं है।
गौरीगंज में अमेठी की राजनीति पर बहस कर रहे युवा मोहम्मद तबशीर व चक्रपाणि मिश्रा तथा इंद्रेश कुमार कहते हैं- ‘किशोरी लाल (कांग्रेस उम्मीदवार) के विरुद्ध किसी के पास कोई मुद्दा ही नहीं है। उनका वर्षों का जनसंपर्क उनके काम आ रहा है। उनसे कोई भी मिल सकता है। कांग्रेस ने अपनी कूटनीति में भाजपा को उलझा लिया है। चुनाव एकतरफा नहीं होगा।’
अमेठी बनी भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न
अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी लगातार दूसरी जीत के इरादे से चुनाव लड़ रही हैं तो भाजपा के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न है। भाजपाइयों के अपने दावे हैं।
गौरीगंज के प्रभारी कृपाशंकर मिश्र व संयोजक उमेश प्रताप सिंह मुन्ना बताते हैं- ‘दीदी (स्मृति इरानी) ने पांच वर्षों में बहुत मेहनत की है। उनके कार्यकाल में स्टेडियम, क्रिकेट अकादमी, स्वीमिंग पूल, बाईपास व सड़कों पर काम हुआ।’ वे यह भी कहते हैं कि दीदी दो माह से अधिक समय से अमेठी में डटी हुई हैं और उन्होंने पूरे लोकसभा क्षेत्र का एक बार दौरा पूरा कर लिया है। उनकी सक्रियता का लाभ तो मिलेगा ही।
अमेठी में विकास की स्थिति
अमेठी के जिला मुख्यालय गौरीगंज को कस्बे के रूप में देखकर ही इस बात का एहसास हो जाता है कि अमेठी को विकास के मामले में हमेशा नजरअंदाज किया गया है। 2010 में जिला बनने के बाद काम तो हुए हैं, लेकिन औद्योगीकरण, शिक्षा, सेहत, रोजगार और कानूनी सेवाओं को लेकर अमेठी के लोगों को दूसरे जिलों का सहारा लेना पड़ रहा है। फिर भी चुनाव में यह सब मुद्दा नहीं है।
भाजपा ने स्मृति इरानी को तीसरी बार मैदान में उतारा है तो गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल शर्मा कांग्रेस से प्रत्याशी हैं। स्मृति इरानी ने 2019 में राहुल गांधी को 55,120 मतों से हराकर कांग्रेस की पारंपरिक सीट पर भाजपा का कब्जा करवाया था।
कांग्रेस ने किशोरी लाल को उतारा मैदान में
2014 में राहुल गांधी ने स्मृति को 1,07,903 मतों से हराया था। इस बार राहुल गांधी के बजाय कांग्रेस ने सोनिया गांधी के प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा को मैदान में उतारा है। किशोरी लाल 40 वर्षों से अमेठी व रायबरेली में सक्रिय हैं।
बसपा के उम्मीदवार नन्हे सिंह चौहान मुकाबले को कितना त्रिकोण दे पाते हैं, यह तो समय ही बताएगा। यहां के पांच विधानसभा क्षेत्रों में तिलोई, सैलून व जगदीशपुर पर भाजपा का कब्जा है तो गौरीगंज व अमेठी की विस सीटों पर समाजवादी पार्टी का।