Acn18.com/दुर्ग पुलिस ने बीआईटी दुर्ग के इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के साथ मिलकर एक चेहरे की पहचान करने वाला सॉफ्टवेयर तैयार किया है। इस सॉफ्टवेयर के बाद से दुर्ग पुलिस और स्मार्ट हो गई है। Facial Recognition Software में दुर्ग पुलिस सभी अपराधियों का फेस डेटा रखेगी। इसके बाद किसी भी संदेही का फोटो खींचकर डालते ही सॉफ्टवेयर उसके अपराध की कुंडली चंद सेकंड में बता देगा।
दुर्ग एसपी शलभ कुमार सिन्हा ने भास्कर से विशेष बातचीत में बताया कि बीआईटी के पांच इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स ने मिलकर राज्य में पहली बार इस तरह का Software तैयार किया है। Software बनाने वाले स्टूडेंट्स विपिन गौतम, शुभम भगत, प्रथम साहू, यशवर्धन सिंह और राजकुमार सिंह ने बताया कि वो कंप्यूटर साइंस फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स हैं। उन्होंने दुर्ग पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा को अपने सॉफ्टवेयर के बारे में बताया था। उन्हें ये काफी पसंद आया। इसके बाद दुर्ग पुलिस ने उन्हें अपना CCTNS का नेटवर्क दिया और उन्होंने उसके आधार पर ये सॉफ्टवेयर बनाया।
विपिन गौतम ने बताया कि उन्होंने सॉफ्टवेयर का नाम दृष्टि नयन रखा है। इसे कोडिंग विजर्ड में डेवलप किया है। इसमें 5 हजार से अधिक क्रिमिनल डेटा है। इन सभी के फेस इन कोड सॉफ्टवेयर में सेव किए गए हैं। जैसे ही पुलिस किसी अपराधी की फोटो खींचकर इस सॉफ्टवेयर से जुड़े वाट्सऐप ग्रुप में डालेंगे तो कुछ सेंकेंड में उस अपराधी के बारे में जानकारी आ जाएगी। विपिन ने बताया कि ये सॉफ्टवेयर पूरी तरह से सुरक्षित है। इसे कोई भी हैक नहीं कर सकता है।
दुर्ग एसपी ने बताया कि रात में जब पुलिस गश्त पर होती है तो उन्हें कई संदेही मिलते हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में वो उन्हें छोड़ देते हैं। इस सॉफ्टवेयर की मदद से वो उस संदेही का फोटो लेकर डालने से ये जान पाएंगे कि उसके खिलाफ किस थाने में कितने अपराध हैं। इसके बाद वो उसे थाने ले जाकर उससे पूछताछ भी कर पाएगी। इससे अपराधियों को पकड़ने में तेजी आएगी।
इन लोगों का फेस डेटा किया जाएगा स्टोर
इस सॉफ्टवेयर में जेल से छूटने वाले बदमाश, निगरानी बदमाश, वारंटी और पुलिस थाने में छोटे या बड़े अपराध में जेल जाने वालों का फेस डेटा रखा जाएगा। इससे उनकी पूरी डिटेल पुलिस के पास रहेगी। अगर वो रात में कहीं भी संदेहास्पद गतिविधि में दिखे तो उन्हें आसानी से पकड़ा जा सकेगा।
आगे और डेवलप किया जाएगा सॉफ्टवेयर
दुर्ग पुलिस इस सॉफ्टवेयर को आगे और डेवलप करेगी। पुलिस का कहना है कि वो इस सॉफ्टवेयर को और अधिक डेवलप कर उसमें अपराधियों की मोशन एक्टिविटी का रिकॉर्ड स्टोर करेगी। इससे किसी भी अपराध में वीडियो फोटो या सीसीटीवी फुटेज मिलने पर सॉफ्टवेयर की मदद से अपराधी के बारे में जानकारी जुटाई जा सकेगी।