acn18.com करतला/ करतला विकासखंड के ग्राम छातापाठ का सरकारी स्कूल काफी जर्जर हो गया है। मरम्मत के अभाव में भवन के छत का प्लास्टर नीचे गिर रहा है जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। जर्जर भवन के कारण कोई हादसा न हो इसलिए बच्चों को बाहर ही पढ़या जा रहा है।
मुख्यमंत्री द्वारा शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार नए नए प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालय आज भी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए रोना रो रहे रहे हैं। ऐसा ही मामला करतला विकासखंड स्थित ग्राम छातापाठ का है, जहां प्राथमिक शाला का भवन काफी जर्जर अवस्था मे है, जिसकज्ञ छत किसी भी समय धराशायी होकर बच्चों व शिक्षकों के लिए जान जोखिम में डालने वाली स्थिति पैदा कर सकतज्ञ है। वर्तमान में वरसात होने से यह भवन पूरी तरह विछत होकर झड़ रहज्ञ है ऐसे भवन में बच्चों को बैठाकर पढ़ाना संभव नहीं है,यही वजह है,कि छोटे छोटे बच्चों को पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई करना पड़ रहा है। लगातार अधिकारियों के निरीक्षण के बावजूद ऐसे संवेदनशील मामले को हल्के में लेना समझ से परे है।
पूर्व में जब जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पांडे का आगमन प्राथमिक शाला छाता पाठ में हुआ था तब उन्हें भी इस समस्या से अवगत कराया गया था जिस पर उन्होंने शीघ्र ही नवीन भवन प्रदान करने का आश्वासन दिया था पर आश्वासन आश्वासन ही रह गया मूर्त रूप नहीं ले सका जिसके कारण वर्तमान में देश के भविष्य को अपनी जान जोखिम में डालकर जर्जर भवन के नीचे बैठकर पढ़ना पढ़ रहा है।
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