होलिका दहन का बहुत ही विशेष महत्व है। होलिका दहन के दिन लोग विधि- विधान से पूजा करते हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा- पाठ करने से भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं। फाल्गुन मास की पूर्णिमा को सभी पूर्णिमा में से विशेष माना जाता है। इसी दिन होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है। यही कारण है कि नया साल लगते ही लोग होली के त्योहार का बड़ी बेसब्री से इंतजार करने लगते हैं। इस दिन को बुराई पर अच्छाई के जीत के रूप में मनाया जाता है। होली उन त्योहारों में से एक है जो सभी धार्मिक भेदभावों को भूलकर खेला जाता है। यह त्योहार भाईचारे और समानता के संदेश को बढ़ावा देता है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार होलिका दहन के दिन पूजा करने से घर में माता लक्ष्मी निवास करती हैं। यह पावन पर्व इस साल कब मनाया जाएगा? आइए जानते हैं होलिका दहन की तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में।
होलिका की तिथि
पूर्णिमा तिथि आरंभ: 6 मार्च 2023, सोमवार, सायं 04:17 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 7 मार्च 2023,मंगलवार, सायं 06: 09 तक
कुल अवधि – 02 घंटे 27 मिनट

- होलिका दहन के लिए तैयार की गई लकड़ियों को कच्चे सूत से तीन बार लपेट दें।
- इसके बाद इस पर गंगाजल या शुद्ध पानी छिड़ककर फूल और कुमकुम लगाएं।
- पूजा के लिए माला, रोली, अक्षत, बताशे, साबुत हल्दी, गुलाल, नारियल का प्रयोग करें।
- अब ‘असृक्पाभयसंत्रस्तै: कृता त्वं होलि बालिशै:। अतस्त्वां पूजायिष्यामि भूते भूतिप्रदा भव।।’ मंत्र का उच्चारण करते हुए होलिका माई की सात बार परिक्रमा करें।
- पूजा करते समय होली के पास पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठना ही शुभ होता है।
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