acn18.com कोरबा / राष्ट्रीय एम्बुलेंस सर्विस 108 की सुविधा मरीज को अस्पताल पहुंचाने से लेकर उनके घरों तक छोड़ने के मामले में मिली हुई है। कोरबा जिले में पिछले बरसे एंबुलेंस संचालन का कॉन्ट्रैक्ट नई एजेंसी को देने के बाद से व्यवस्था बिगड़ी हुई है। मरीज को अस्पताल ले जाने के दौरान एंबुलेंस रास्ते में ही बिगड़ने के मामले लगातार आ रहे हैं। इससे मरीज और उनके परिजन परेशान हैं।
कोरबा जिले के ग्रामीण क्षेत्र की रहने वाली 4 वर्षीय सोनम का स्वास्थ्य बिगड़ने पर परिजनों ने उसे अस्पताल ले जाने का विचार किया। इस बारे में 108 संजीवनी को कॉल करने के बाद उन्हें यह सुविधा जरूर मिली। लेकिन लोगों को नहीं पता था कि अस्पताल पहुंचने से पहले परेशानी का सामना भी करना पड़ेगा। गांव से अस्पताल के लिए रवाना हुई और शहर क्षेत्र की सीमा में आने के साथ वह खराब हो गई। ऐसे में समस्या थी कि मरीज को सही जगह कैसे पहुंचाया जाए। एंबुलेंस के खराब होने और लोगों के परेशान होने की जानकारी होने पर मीडिया सकरी हुई। पूछताछ में मालूम चला कि मरीज को कोरबा अस्पताल लाया जा रहा था लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही एंबुलेंस ने आगे जाने से मना कर दिया। अगली सुविधा प्राप्त करने के लिए लोग यहां 1 घंटे से भी अधिक समय तक परेशान होते रहे।
3 दिन पहले भी इसी प्रकार का मामला कोरबा जिले में आया था जबकि रजगयामार के पत्रपाली गांव के एक मरीज को रायपुर ले जाने के दौरान बरपाली में एंबुलेंस खराब हो गई थी। वहां 2 घंटे से अधिक समय तक मरीज व उसके परिजनों को परेशान होना पड़ा। उसे दौरान एंबुलेंस के चालक में साथ तौर पर कहां था कि हमारा काम गाड़ी ड्राइव करना है। इसमें कब और कहां किस प्रकार की तकनीकी समस्या आ जाएगी इसकी गारंटी नहीं दी जा सकती। कई मौके पर इस प्रकार के सवाल उठाते रहे हैं कि 108 एम्बुलेंस सर्विस के मेंटेनेंस को लेकर सर्विस एजेंसी बहुत ज्यादा गंभीर नहीं है उसे केवल अपनी कमाई से मतलब है। इसी चक्कर में अक्सर इस प्रकार के मामले सामने आ रहे हैं और इसके चलते मरीजों व उनके परिजनों को परेशान होना पड़ रहा है।