जिन कोरवा आदिवासियों के नाम पर कोरबा शहर बसा उसी आदिवासी समाज से ताल्लुक रखने वाले एक युवक का पिछले दिनों गोढ़ी स्थित कार्बन फैक्ट्री में काम के दौरान हाथ कट गया। संतोष को मदद देने का आश्वसन प्रशासन के निर्देश पर फैक्ट्री मालिक ने दिया लेकिन अब सहायता देने की बजाय समझौते के लिए फैक्ट्री संचालक दबाव डलवा रहा है। संतोष की मां बरसों बाई अपने बेटे को साथ लिए न्याय पाने यत्र तत्र भटक रही है
याद रहे जिन कोरबा आदिवासियों की कम होती जनसंख्या के कारण उन्हें राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र घोषित कर दिया गया है उनके नाम पर जितनी धनराशि खर्च करने की मुनादी की जाती है यदि उसका चौथाई हिस्सा भी ईमानदारी से खर्च किया गया होता तो सारे कोरवा आदिवासी लखपति हो जाते
राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र को नहीं मिली मदद , पहाड़ी कोरवा युवक का कार्बन फैक्ट्री में कट गया था हाथ
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