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जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमला, 5 जवान शहीद:सेना को शक- ग्रेनेड अटैक से लगी ट्रक में आग

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जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में भीमबेर गली और पुंछ के बीच सेना के ट्रक पर आतंकवादियों ने गोलीबारी कर दी। हमले में 5 जवान शहीद हो गए। फायरिंग के दौरान ट्रक में आग लग गई। ऐसी संभावना है कि आतंकवादियों ने ग्रेनेड से हमला किया था।

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सेना ने बताया- भारी बारिश के कारण विजिबिलिटी कम थी। इसी का फायदा उठाकर आतंकवादियों ने गोलीबारी की। शहीद हुए पांचों जवान क्षेत्र में काउंटर टेररिस्ट ऑपरेशन के लिए तैनात थे। हमले में एक अन्य जवान गंभीर रूप से घायल है, उसे राजौरी के सेना अस्पताल ले जाया गया।

जहां हादसा हुआ, वो इलाका पुंछ से 90 किलोमीटर दूर है। सेना के ट्रक में आग लगने की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और आग काबू करने में मदद की।

हादसा भट्टा डूरियन जंगल में हुआ, ये इलाका पुंछ से 90 किलोमीटर दूर है।
हादसा भट्टा डूरियन जंगल में हुआ, ये इलाका पुंछ से 90 किलोमीटर दूर है।
शुरुआती जांच रिपोर्ट्स में बताया गया कि हादसा बिजली गिरने से हुआ।
शुरुआती जांच रिपोर्ट्स में बताया गया कि हादसा बिजली गिरने से हुआ।

जनवरी में माछिल में बर्फ से फिसलकर गाड़ी गहरी खाई में गिरी थी, 3 सैनिकों की मौत हुई थी

इसी साल 11 जनवरी को जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में सेना का अफसर और 2 जवान शहीद हो गए थे। ये तीनों भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स के सैनिक थे। एक JCO (जूनियर कमीशंड ऑफिसर) और 2 OR (अन्य रैंक) का ये दल रेगुलर ऑपरेशन के लिए निकला था। बर्फ के कारण उनकी गाड़ी फिसलकर गहरी खाई में गिर गई थी।

मरने वालों के नाम नायब सूबेदार पुरुषोत्तम कुमार, हवलदार अमरीक सिंह और सिपाही अमित शर्मा थे।

पिछले साल दिसंबर में गई थी 16 जवानों की जान
पिछले साल दिसंबर में सिक्किम के जेमा में आर्मी का ट्रक खाई में गिर गया था, इसमें 16 जवान शहीद हो गए थे। आर्मी की दो वैन और थी। तीनों वाहन चटन से थंगू के लिए निकले थे। रास्ते में ट्रक एक मोड़ पर फिसलकर खाई में जा गिरा। इस हादसे में 4 जवान गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिन्हें बाद में एयरलिफ्ट किया गया था।

नवंबर में माछिल में हुआ था हादसा
पिछले साल नवंबर में भी कुपवाड़ा के माछिल इलाके में 3 जवान हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे। 2 जवानों को बर्फ के नीचे से सुरक्षित निकाला गया था। जब हादसा हुआ तब 56 राष्ट्रीय रायफल्स के पांच जवान रूटीन गश्त पर थे। हादसे की जानकारी मिलते ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया, लेकिन जब तक जवानों को निकाला गया, तब तक 3 की मौत हो चुकी थी।

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