Acn18.com/बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में आग लगने के बाद अस्पताल की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। आपातकालीन व्यवस्था सहित अन्य वार्डों को बंद कर दिया है। इधर अपोलो प्रबंधन की ओर से अब स्थिति सामान्य होने की बात कही जा रही है। कहा जा रहा है कि, मरीजों को दूसरे वार्डों में सुरक्षित शिफ्ट कर दिया गया है।
गुरुवार को अपोलो अस्पताल के ICU में आग लगने से अफरातफरी मच गई थी। प्रबंधन ने वार्ड का कमरा बंद कर दिया था, जिससे मरीजों और परिजनों का धुआं से दम घुटने लगा था। हंगामा मचाने के बाद मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया। वहीं, 50 से 60 मरीजों का इलाज गार्डन में किया गया। माना जा रहा है कि आग अगर बेकाबू होती तो बड़ी जन हानि हो सकती थी।
गुरुवार का वो मंजर, जब आग लगी थी…
सबसे बड़े और नामी अपोलो अस्पताल में फायर सेफ्टी सिस्टम की गुरुवार को उस वक्त पोल खुल गई, जब शाम करीब पांच बजे अस्पताल के ICU वार्ड में धुआं उठने लगा। मरीजों का इलाज चल रहा था और परिजन इधर-उधर व्यस्त थे। धुआं देखकर उन्हें लगा, सामान्य आग लगी होगी और सब कुछ नार्मल होगा। लेकिन, जैसे ही वार्ड में चारों तरफ से धुआं-धुआं हुआ, तब लोग दहशत में आ गए।
अस्पताल स्टाफ मरीजों के साथ उपकरणों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने लगे। इस दौरान कई वार्ड में कमरों को बंद कर दिया गया। ताकि, धुआं अंदर न आए। लेकिन, जब मरीज और परिजनों का दम घुटने लगा, तब उन्होंने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। इसके बाद अस्पताल स्टाफ ने उन्हें बाहर निकाला।
बांकी मोंगरा से आए राकेश कुमार ने क्या कहा…
राकेश कुमार ने कहा, वह अपने पिता को इलाज के लिए अपोलो अस्पताल में भर्ती कराए हैं। शाम को जब धुआं उठने लगा तो प्रबंधन ने कमरों के दरवाजों को बंद कर दिया था। मरीज और उनके परिजनों को भी बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा था। धुआं भरने पर दम घुंटने लगा, तब हमने विरोध करते हुए हंगामा मचाया। इसके बाद दरवाजा खोला गया। जिसके बाद बीमार पिता को लेकर किसी तरह बाहर निकले तब राहत महसूस हुई।
घटनास्थल पर मौजूद महिला बोली- अचानक भर गया धुआं…
मध्यप्रदेश के कोतमा की रहने वाली सीमा ने बताया कि उनकी मां ICU में भर्ती है। पहले धुआं देखकर लगा कि नार्मल है और छोटी आग लगी है। लेकिन, अस्पताल स्टाफ जब मरीज और उपकरणों को बाहर निकालने लगे, तब लगा कि बड़ी घटना हो गई है। घटना के बाद कई घंटे तक अस्पताल के बाहर थीं, और अपनी मां का हाल जानने के लिए परेशान थीं।
गार्ड और बाउंसर खड़ा कर दिए, कोई जानकारी नहीं दी…
बिलासपुर के 27 खोली के रहने वाले संजय ठाकुर ने कहा, उनके पिता ICU में भर्ती हैं। अपोलो अस्पताल में आग लग गई है तो वह दौड़ते भागते अस्पताल पहुंचे। लेकिन, अस्पताल में गार्ड और बाउंसर को खड़ा कर दिया गया है। न तो परिजन को मरीज से मिलने दिया जा रहा है। और न ही कोई जानकारी दी जा रही है। भाई से फोन से बात हुई है। वह भी अस्पताल के पीछे गार्डन में है। उसे भी यह नहीं पता कि उनके पिता को कहां शिफ्ट किया गया है।
आपालकालीन व्यवस्था ठप…
आग लगने के बाद अपोलो अस्पताल में आपातकालीन व्यवस्था ठप पड़ गई है। यहां मरीजों को भर्ती भी नहीं किया जा रहा है। और बिना इलाज के लौटा दिया जा रहा है। इमरजेंसी व्यवस्था की हालत ऐसी है कि मरीजों का गाड़ी में इलाज किया जा रहा है। और बाहर से उन्हें बेड नहीं होने की बात कही जा रही है। दहशत में अस्पताल में भर्ती मरीज भी दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट हो रहे हैं।
उमरिया जिले के नौरोजाबाद के रहने वाले 70 वर्षीय सुरेश प्रसाद बीपी शुगर समेत दमा की बीमारी है। उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है। स्थिति बिगड़ने पर उन्हें मध्यप्रदेश से अपोलो अस्पताल लाया गया था। लेकिन, अस्पताल में गार्ड व मेडिकल स्टाफ ने उन्हें रोक दिया। परिजनों ने जब उनकी गम्भीर हालत होने की बात कही, तब एक डॉक्टर बाहर आए और उन्हें चेक किया। इसके बाद एम्बुलेंस की मदद से उन्हें तत्काल सिम्स अस्पताल रेफर कर दिया गया।
30 से 35 खिड़कियों के तोड़े कांच…
आग लगने की खबर मिलते ही पुलिस के साथ ही SDRF की टीम अस्पताल पहुंची। यहां आग को काबू में करने का प्रयास किया गया। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। लेकिन, कई वार्डों में धुआं भर जाने से SDRF की टीम को कमरों के खिड़कियों का कांच तोड़ना पड़ा। टीम ने धुआं निकालने के लिए करीब 40 खिड़कियों के कांच तोड़ दिए। इसके बाद भी अंदर धुआं भरा हुआ था।
आग भयावह होती तो बड़ी जनहानि होने की थी आशंका
करोड़ों रुपए के अपोलो अस्पताल में आग लगने के बाद सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई है। आग लगने के बाद जो धुआं उठा, उससे मरीजों की सांसे फूलने लगी थी। और उनकी सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं था। अगर, आग लगती और लपटें वार्ड तक पहुंचती तो अस्पताल में बड़ी जन हानि होने की आशंका थी। इस घटना से अस्पताल के फायर सेफ्टी सिस्टम और सुरक्षा पर सवाल उठने लगा है।
पाइपलाइन नहीं आई काम
अपोलो हास्पिटल में आग की घटना को तत्काल रोकने के लिए फायर स्टेशन की सुविधा है। साथ ही सभी वार्डों में पाइप लाइन बिछाई गई है। लेकिन, घटना के समय कोई काम नहीं आया। आग को तत्काल काबू नहीं किया जा सका। फिर प्रबंधन ने जिला प्रशासन से फायर ब्रिगेड की मदद मांगी।
नहीं पहुंचा कोई जिम्मेदार अफसर
संभाग के सबसे बड़े अपोलो अस्पताल में आग लग गई और मरीजों में अफरा-तफरी मच गई। इतनी बड़ी दुर्घटना होने के बाद भी अपोलो अस्पताल प्रबंधन जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए स्थिति सामान्य होने का दावा करते रही। वहीं, जिला प्रशासन और पुलिस के अफसरों ने भी आग लगने के बाद स्थिति जानने का प्रयास नहीं किया और न ही कोई जिम्मेदार अफसर अपोलो अस्पताल पहुंचे।
रात 10 बजे परिजनों ने मचाया हंगामा…
इधर, देर रात तक मरीजों के परिजनों को बाहर रखा गया था। जो मरीज के अटेंडर थे। उन्हें भी अंदर जाने नहीं दिया जा रहा था। चार से पांच घंटे तक बाहर रहने के बाद परिजन अपने मरीजों का हाल जानने के लिए हैरान व परेशान थे। लेकिन, प्रबंधन ने चारों तरफ गार्ड और बाउंसर तैनात कर दिया था। जिसके चलते करीब दस बजे मरीजों के परिजनों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों के परिजनों को अंदर जाने की अनुमति दी।
प्रबंधन बोला- स्थिति सामान्य है, नहीं हुई जनहानि, साफ सफाई जारी
अपोलो प्रबंधन की ओर से जनसंपर्क अधिकारी देवेश गोपाल पूरे समय स्थिति सामान्य होने का दावा करते रहे। उन्होंने कहा, साफ सफाई चल रही है। जिसके चलते फिलहाल नए मरीजों को एडमिट नहीं किया जा रहा है। मरीजों को भर्ती नहीं करने जैसी कोई बात नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि किसी भी वार्ड को बंद नहीं किया गया है। सभी वार्ड में मरीजों का इलाज जारी है, जहां आग लगी थी उस वार्ड को खाली कराया गया है।
गुरुवार को शाम के वक्त लगी थी आग
बिलासपुर जिले के अपोलो अस्पताल के ICU में आग लगने से अफरातफरी मच गई थी। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों को तत्काल दूसरी जगह शिफ्ट किया है। बताया जा रहा है कि ये आग शॉर्ट सर्किट होने की वजह से लगी है। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम और पुलिस ने आग पर काबू पा लिया है।