Acn18.com/जिला अस्पताल में उपचार प्राप्त कर रहे ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों पर स्थानीय निजी अस्पताल के कर्मी डोरे डाल रहे हैं। ऐसे मरीजों को कई प्रकार क्या आश्वासन दिए जा रहे हैं । मीडिया के द्वारा अस्पताल प्रबंधन की जानकारी में यह विषय लाया गया है। अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि फिलहाल उनके पास ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है। अगर ऐसा कुछ होता है तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।
मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में संसाधन बढ़ने के साथ लोगों को सुविधाएं प्राप्त हो रही है जो शहर और आसपास के क्षेत्र से उपचार कराने के लिए यहां पहुंचते हैं। कई मामलों में मरीजों को यहां लंबे समय तक रुकना पड़ जाता है। इस पर भी लोगो को किसी प्रकार का खर्च नहीं देना पड़ता। खबर मिली है कि ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को अच्छी चिकित्सा का झांसा देकर निजी अस्पताल में जाने की सलाह देने वाले कई एजेंट लगातार डोरे डाल रहे हैं। जिला अस्पताल में एक ब्रिज के पास ऐसी पर्ची मिली।
अस्पताल अधीक्षक डॉ गोपाल कंवर ने बताया कि हमारी कोशिश मरीजों को बेहतर चिकित्सा देने के साथ यहां ठीक करने की है। कुछ मामलों में मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया जाता है। निजी अस्पताल के लोगों द्वारा यहां दखल देने जैसी शिकायत अभी प्राप्त नहीं हुई है। अगर ऐसा होता है तो जरूर कार्रवाई करेंगे।
वर्तमान में कोरबा जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को सुविधा का लाभ लेने के लिए नाम मात्र का शुल्क देना पड़ रहा है। इसके जरिए ओपीडी पंजीयन से लेकर सोनोग्राफी एक्स-रे और पैथोलॉजी लैब की सुविधा उन्हें प्राप्त हो रही है। 1 जून से शुल्क लेने का काम बंद किया जा रहा है या नहीं इस स्थिति में मरीजों को सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए कोई खर्च नहीं करना पड़ेगा।