spot_img

कहानियां व्यक्तित्व का विकास करती हैं – डॉ.सुशील त्रिवेदी

Must Read

Acn18.com/रायपुर, डॉ.जे. के. डागर एक किस्सागोई कहानीकार हैं, उनके कहानी संग्रह से पाठकों में व्यक्तित्व का भी विकास होता है। उक्त विचार विमोचन समारोह के मुख्य अतिथि डॉ सुशील त्रिवेदी ने व्यक्त किए। अध्यक्षता वरिष्ठ व्यंग्यकार श्री गिरीश पंकज ने की। विशिष्ट अतिथि रहे डॉ.माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’ । वृंदावन हाल रायपुर में आज छत्तीसगढ़ हिंदी साहित्य मंडल और वैभव प्रकाशन की ओर से ख्यातिलब्ध कहानीकार और प्रेरक वक्ता डॉ. जे. के. डागर की पुस्तक जीवन की लहरें का विमोचन किया गया। मुख्य अतिथि और छत्तीसगढ़ मित्र के संपादक डॉ सुशील त्रिवेदी ने कहा है कि सरलता के साथ अपने आसपास को इन कहानियों में चित्रित किया गया है।‌ ये कहानियां व्यवस्था के यथार्थ को भी सामने लाती हैं।‌ मानव-मन की जटिलता और कर्म की प्रेरणा भी है।‌ कहानीकार डॉ.जे. के.डागर ने कहा कि उन्होंने अपने परिवेश की तमाम सच्चाई को सहज रूप में प्रस्तुत किया है। जीवन के अनुभव लहरों के रूप में कहानी के माध्यम से प्रस्फुटित होती हैं। डॉ.सुधीर शर्मा ने कहानीकार और अतिथियों का परिचय दिया। अतिथियों का स्वागत कान्हा कौशिक, डॉ मुक्ता कौशिक, गोपाल सोलंकी ने स्वागत किया। विशिष्ट अतिथि डॉ माणिक विश्वकर्मा नवरंग ने कहा कि जीवन के संघर्षों में अनेक लहरों से सामना होता है। डॉ.डागर की कहानियों में आम आदमी के जीवन का संघर्ष है, उसका सुख दुख है। शिल्प की बजाय कथ्य का सहारा लेकर लेखक ने रोचकता पैदा की है। इस अवसर पर पुणे से पधारे समीक्षक और नागरी लिपि परिषद के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष डॉ शहाबुद्दीन शेख ने कहा कि जनजीवन से जुड़ी इन कहानियों में पाठक अपना संबंध स्थापित कर लेता है। छोटी छोटी कहानियां जीवन के बड़े लक्ष्य की पूर्ति के लिए प्रेरित करती हैं। कहानियां सभी वर्गों के पाठकों के लिए मनोरंजक हैं। समारोह के अध्यक्ष वरिष्ठ व्यंग्यकार और सद्भावना दर्पण के संपादक श्री गिरीश पंकज ने कहा कि इन कहानियों में जीवन के सत्य का वृतांत है। जीवन का यथार्थ और कल्पना के तत्व से सृजित होती है कहानियां। मनुष्य समाज से इतर के पात्र भी कहानी में मानवीय रूप से प्रस्तुत होते हैं। एक कहानी में स्त्री विमर्श भी है।अंत में श्री गोपाल सोलंकी ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ रामकुमार बेहार, रामेश्वर शर्मा, मनोहर दास, कान्हा कौशिक, डॉ मुक्ता कौशिक, गोपाल सोलंकी, सुप्रिया शर्मा, डॉ चंद्रकला त्रिपाठी, डॉ हेमू यदु, चेतन भारती, आशा मानव, मुकेश गुप्ता, डॉ चंद्रावती नागेश्वर, अनिल जाहिद, आदि उपस्थित थे।

377FansLike
57FollowersFollow
377FansLike
57FollowersFollow
Latest News

More Articles Like This

- Advertisement -