acn18.com कोरबा/सूर्यग्रहण पड़ने के कारण इस साल गोवर्धन पूजा दीपावली के एक दिन बाद मनाया गया। बालको क्षेत्र में यादव समाज के द्वारा गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया। जिसमें महापौर राजकिशोर प्रसाद और ग्रेंड एसीएन न्यूज के संपादक कमलेश यादव मुख्य रुप से मौजूद रहे। इस अवसर पर सभी ने एक दूसरे को गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएं दी।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा की जाती है। हर साल यह त्योहार दिवाली के अगले दिन पड़ता है, लेकिन इस बार 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण होने की वजह से उसके दूसरे दिन यह पर्व मनाया गया। इस दिन बलि पूजा, अन्नकूट, मार्गपाली आदि उत्सव भी संपन्न होते हैं। यह ब्रजवासियों का प्रमुख त्योहार है। इस दिन अनेक स्थानों पर इंद्र, वरुण एवं अग्नि आदि देवताओं की पूजा की जाती है। कोरबा के बालको क्षेत्र में यादव समाज द्वारा इस पर्व को उत्साह के साथ मनाया गया। समाज के स्थानीय भवन में आयोजित इस पर्व में महापौर राजकिशोर प्रसाद और ग्रैंड एसीएन न्यूज के संपादक कमलेश यादव मुख्य रुप से मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने सभी को गोवर्धन पूजा की शुभाकामनांए दी।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने ही ब्रजवासियों से गोवर्धन पूजा प्रारंभ करवाई थी और इस दिन भगवान कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली से गोवर्धन पर्वत को उठाया था और जीव-जतुंओ के साथ सभी ब्रजवासियों को स्वर्ग के देवता इंद्र के कोप से बचाया था। साथ ही भगवान कृष्ण ने इंद्र के अहंकार को तोड़ उन्हें हराया था। इस महिलाएं घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाती हैं। गोवर्धन महाराज के साथ ग्वाले, गोपियां, गाय, बछड़े आदि भी मनाए जाते हैं। इसके बाद अन्नकूट का भोग लगता है और फिर पूरा परिवार एक साथ गोवर्धन महाराज जी की पूजा करते है।