acn18.com नई दिल्ली/ दिल्ली शराब नीति केस में राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को एक बार फिर CBI को मनीष सिसोदिया की रिमांड दी है। सिसोदिया को 3 अप्रैल तक CBI की कस्टडी में रहेंगे। अभी वह 22 मार्च तक ED की कस्टडी में हैं।
दिल्ली शराब नीति केस में ही राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को मनीष सिसोदिया की रिमांड 22 मार्च तक के लिए ED को दे दी थी। मनीष सिसोदिया को CBI ने 26 फरवरी को अरेस्ट किया था, तब CBI को पांच दिन की कस्टडी मिली थी, जिसे बाद में दो दिन और बढ़ा दिया गया था। इसके बाद सिसोदिया को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजा गया था। ED ने तिहाड़ से ही 9 मार्च को सिसोदिया को अरेस्ट करके रिमांड पर लिया था।
सिसोदिया के मोबाइल से मिले डेटा का एनालिसिस कर रही ED
ED ने कोर्ट में कहा था कि LG ने जब इस मामले की शिकायत की तो सिसोदिया ने अपना फोन बदल दिया था, लेकिन एजेंसी ने उनके मोबाइल डेटा को फिर से निकाल लिया है। अब एजेंसी उनके ईमेल और मोबाइल फोन से निकाले गए डेटा का एनालिसिस कर रही है। अभी हमें सिसोदिया से और सवाल पूछने हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ED ने कहा था कि मामले से जुड़े दो लोगों को 18 और 19 मार्च को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया है। उन्हें सिसोदिया के सामने बैठाकर ई-मेल और मोबाइल से मिले डेटा के बारे में पूछताछ करनी है। इस पर कोर्ट ने कहा कि ईमेल से मिले डेटा के बारे में पूछताछ करने के लिए उन्हें कस्टडी में रखने की जरूरत नहीं है। ये तो आप जेल में भी कर सकते हैं।
सिसोदिया के वकील ने कहा- ED अब CBI की प्रॉक्सी बन गई है
वहीं, सिसोदिया के वकील ने कोर्ट को बताया कि ED ने पूर्व डिप्टी CM के खिलाफ किसी क्राइम का जिक्र नहीं किया है। एजेंसी को बताना होगा कि प्रोसीड ऑफ क्राइम क्या हुआ? यह नहीं बताना है कि क्या अपराध हुआ। कन्फ्रंट कराने के लिए हिरासत की जरूरत नहीं होती।
जब CBI मामले में पूछताछ कर चुकी है तो ED को पूछताछ करने की क्या जरूरत है? ED अब CBI की प्रॉक्सी एजेंसी के रूप में काम कर रही है।
उधर, सिसोदिया ने कोर्ट को बताया कि एजेंसी ने पिछले 7 दिनों की कस्टडी में उनसे रोजाना महज आधा से एक घंटा ही पूछताछ की है। सिर्फ गुरुवार को उनसे देर रात तक पूछताछ हुई थी।