spot_img

Shiv Sena: शिंदे को बहुमत मिलने के बाद अब क्या ठाकरे परिवार के हाथ से जाएगी शिवसेना? आदित्य की विधायकी भी खतरे में

Must Read
उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और एकनाथ शिंदे

महाराष्ट्र विधानसभा में एकनाथ शिंदे ने फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित कर दिया है। इसी के साथ ये तय हो गया कि अब शिंदे की सरकार आगे बरकरार रहेगी। फ्लोर टेस्ट में शिंदे के पास होते ही शिवसेना प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मुश्किलें बढ़ गईं। उद्धव के हाथ से विधायक तो चले ही गए, अब पार्टी भी जा सकती है। यही नहीं, अब उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।

- Advertisement -

ऐसे में अब उद्धव क्या करेंगे? क्या शिवसेना पूरी तरह से शिंदे की हो जाएगी? अगर नहीं तो उद्धव कैसे बचाएंगे शिवसेना को? आइए जानते हैं…

महाराष्ट्र में सियासी घमासान
पहले जानिए आज फ्लोर टेस्ट में क्या हुआ? 
एकनाथ शिंदे को बहुमत साबित करने के लिए 144 विधायकों के मत चाहिए थे। पहले फ्लोर टेस्ट ध्वनि मत के जरिए होना था, लेकिन विपक्ष के हंगामे के चलते नहीं हो पाया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने हेड काउंट के जरिए मतदान कराया। इसमें विधानसभा के एक-एक सदस्य से पूछा गया कि वह किसके साथ हैं? इस वोटिंग में एकनाथ शिंदे के पक्ष में 164 लोगों ने वोट डाला। विपक्ष में केवल 99 वोट ही पड़े। 22 विधायक गैर हाजिर रहे।फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले  शिवसेना (ठाकरे गुट), एनसीपी, कांग्रेस गठबंधन में शामिल बहुजन विकास अघाड़ी ने आखिरी वक्त बगावत कर दी। बहुजन विकास अघाड़ी के तीन विधायकों ने शिंदे के पक्ष में वोट डाला। इसके अलावा कांग्रेस 10 विधायक ने वोट नहीं दिया। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, जितेश अंतापुरकर, जीशान सिद्दीकी, प्रणति शिंदे, विजय वडेट्टीवार, धीरज देशमुख, कुणाल पाटिल, राजू आवाले, मोहनराव हम्बर्दे और शिरीष चौधरी शामिल हैं। इसके अलावा एनसीपी के अन्ना बंसोडे, संग्राम जगताप समेत कुछ अन्य विधायकों ने भी वोटिंग से दूरी बना ली।

ऐसा नहीं है कि केवल एनसीपी, कांग्रेस में ही वोटिंग के दौरान विधायक अनुपस्थित रहे। शिवसेना (उद्धव गुट) के विधायक भी आखिरी समय पलट गए। उद्धव ठाकरे गुट के संतोष बांगड और श्याम सुंदर शिंदे ने फ्लोर टेस्ट के दौरान एकनाथ शिंदे के पक्ष में वोट डाला। वहीं, शिंदे के साथ गोवा जाने वाले राहुल पाटिल और कैलाश पाटिल आखिरी समय में वापस उद्धव ठाकरे गुट में शामिल हो गए। दोनों ने शिंदे के खिलाफ वोट डाला।

महाराष्ट्र में सियासी घमासान
उद्धव से कैसे पार्टी की कमान छीन रहे शिंदे? 
30 जून को एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके तुरंत बाद शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट ने विधानसभा स्थित शिवसेना कार्यालय को सील करवा दिया। विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में भी भाजपा के राहुल नार्वेकर ने जीत हासिल की।
विधानसभा अध्यक्ष बनते ही राहुल नार्वेकर ने सबसे पहले शिवसेना विधायक दल के नेता अजय चौधरी और व्हिप पद से सुनील प्रभु को हटा दिया। ये दोनों उद्धव ठाकरे गुट के थे। इनकी जगह एकनाथ शिंदे को विधायक दल के नेता के रूप में मान्यता मिल गई। वहीं, पार्टी व्हिप के तौर पर शिंदे गुट के भरत गोगावले को नियुक्त किया गया।अब फ्लोर टेस्ट में शिंदे के खिलाफ वोट डालने वाले ठाकरे गुट के विधायकों पर सदस्यता गंवाने का खतरा मंडराने लगा है। शिंदे ने कहा कि व्हिप का उल्लंघन करने वाले विधायकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि ठाकरे गुट के 16 विधायकों ने फ्लोर टेस्ट में शिंदे के खिलाफ वोट डाला है।

इनमें उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे भी शामिल हैं। अब विधानसभा अध्यक्ष को इनपर कार्रवाई करनी है। अगर इन पर कार्रवाई होती है तो ठाकरे गुट के सभी 16 विधायकों की विधानसभा सदस्यता चली जाएगी और पार्टी से भी बाहर कर दिए जाएंगे।

उद्धव ठाकरे ने एमएलसी पद से इस्तीफा दे दिया है, हालांकि अभी भी वह शिवसेना प्रमुख पद पर बने हुए हैं। वहीं, उनके बेटे आदित्य ठाकरे अभी विधायक हैं। फ्लोर टेस्ट पास करने के बाद एकनाथ शिंदे और भी मजबूत स्थिति में आ गए हैं। कहा जा रहा है कि शिंदे अब पार्टी की कमान पूरी तरह से अपने हाथ में लेने की कोशिश में जुट गए हैं।

करीब 40 विधायकों और ज्यादातर सांसदों का समर्थन शिंदे के पास है। पार्टी के भी कई नेता शिंदे गुट में शामिल हो चुके हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले समय में ठाकरे परिवार को ही शिंदे गुट पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा देगा। इसकी शुरुआत आदित्य ठाकरे से होगी।

उद्धव ठाकरे
उद्धव के पास क्या विकल्प बचा? 
ये जानने के लिए महाराष्ट्र की राजनीति पर अच्छी पकड़ रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप रायमुलकर से संपर्क किया। उन्होंने कहा, शिवसेना की स्थिति अब खिचड़ी की तरह हो गई है। एक तरफ उद्धव ठाकरे हैं तो दूसरी ओर एकनाथ शिंदे। दोनों गुट लगातार शिवसेना पर अपना-अपना दावा कर रहे हैं। हालांकि, ये तो साफ है कि एकनाथ शिंदे के पास शिवसेना के ज्यादातर विधायक हैं। ऐसे में अब उद्धव के पास सिर्फ दो विकल्प बचे हैं।
377FansLike
57FollowersFollow


v

377FansLike
57FollowersFollow
Latest News

पीएचई में इंजीनियर्स सहित 181 पदों पर भर्ती का मार्ग प्रशस्त,मुख्यमंत्री के निर्देश पर वित्त विभाग ने दी स्वीकृति

Acn18.comरायपुर/ मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर वित्त विभाग ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में इंजीनियर्स सहित अन्य...

More Articles Like This

- Advertisement -