आज शनि जयंती है। ये पर्व हिंदू कैलेंडर के ज्येष्ठ महीने में अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन शनिदेव की विशेष पूजा की जाती है। शनिदेव दिव्यांग, गरीब और मजदूर वर्ग के स्वामी है, इसलिए इस दिन जरूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए। उन्हें खाना और जूते और चप्पल दान कर सकते हैं।
मनु और यम है भाई, यमुना और ताप्ती बहनें
स्कंद पुराण के काशी खंड की कथा के मुताबिक राजा दक्ष की बेटी संज्ञा का विवाह सूर्य के साथ हुआ। संज्ञा ने वैवस्वत मनु, यमराज और यमुना को जन्म दिया।
सूर्य के तेज नहीं कर पाने पर संज्ञा अपनी छाया सूर्य के पास छोड़कर तपस्या करने चली गई। ये सूर्य को पता नहीं थी। इसके बाद छाया और सूर्य की भी 3 संतान हुई। जो कि शनिदेव, मनु और भद्रा (ताप्ती नदी) थी। शनिदेव की 2 पत्नियां मंदा और ज्येष्ठा है।
खुद की ही राशि में शनि, 7 राशियां हो रही है प्रभावित
शनि इस समय कुंभ राशि में है। इस कारण कर्क और वृश्चिक राशि वाले लोगों को ढय्या चल रही है। मकर, कुंभ और मीन राशि वालों पर साढ़ेसाती है। शनि की सीधी नजर सिंह राशि वाले लोगों पर है।
मेष राशि वालों पर भी शनि की दृष्टि पड़ रही है। इस तरह 7 राशि वालों पर शनिदेव का पूरा असर रहेगा। ज्योतिषियों का मानना है कि इन राशियों के लोगों को शनि जयंती पर पूजा और दान करने से परेशानियों से राहत मिल सकती है।
शनि देव की पूजा विधि
सुबह नहाकर लकड़ी के पाट पर काला कपड़ा बिछाएं और शनिदेव की तस्वीर स्थापित करें।
तस्वीर या मूर्ति न हो तो शनि देव के रूप में पूजा वाली सुपारी रखें।
घी और तेल का दीपक जलाकर शनिदेव को पंचगव्य, पंचामृत, तेल और इत्र से स्नान कराएं।
अबीर, गुलाल, सिंदूर और काजल लगाकर नीले फूल चढ़ाएं।
इमरती और तेल में तली खानी की चीजों का नैवेद्य लगाएं।
नारियल और मौसमी फल चढ़ाकर शनि देव की आरती करें।
शनि जयंती पर क्या करें
शनिदेव न्याय और मेहनत के देवता हैं, इसलिए जरूरतमंद लोगों की मदद करें और उन्हें दान दें। तेल और उड़द से बनी खाने की चीजों का दान करें। पूरे दिन व्रत रखें। इस दिन काला कपड़ा, उड़द, तेल और लोहे की चीजें दान करनी चाहिए।
शनिदेव की विशेष पूजा में तिल का तेल, नीले फूल और शमी पेड़ के पत्तों का उपयोग करें। इनके साथ ही इमरती या तेल से बनी चीजों का नैवेद्य लगाएं। शनि जयंती पर शनिदेव के दर्शन करने जाएं तो मूर्ति के सामने खड़े होकर दर्शन करें। दर्शन करते समय मूर्ति की आंखों में न देखें।
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