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15 साल में दूसरा सरकारी हेलिकॉप्टर क्रैश:छत्तीसगढ़ सरकार का यूरोकॉप्टर ‘मैना’ गिरा था पहाड़ी पर; पायलट सहित 4 की हुई थी मौत

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ACN18.COMछत्तीसगढ़/ छत्तीसगढ़ में लगातार दूसरे सरकारी हेलिकॉप्टर की कहानी क्रैश पर खत्म हुई है। अब से 15 साल पहले भी छत्तीसगढ़ के सरकारी बेड़े का इकलौता यूरोकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हो गया था। दुर्भाग्य से उसमें भी सवार सभी चार लोगों की मौत हो गई। गुरुवार हुए हेलिकॉप्टर क्रैश के बाद लोगों को “मैना’ के क्रैश की कहानी भी याद आ गई।

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घटना 14 जुलाई 2007 की है। विमानन विभाग का यूरोकॉप्टर मैना भोपाल से मरम्मत के बाद रायपुर के लिए रवाना हुआ। दोपहर करीब 1.45 बजे कंट्रोल रूम से उसका संपर्क कट गया। कुछ घंटों तक यूरोकॉप्टर का पता नहीं चला तो सरकार ने पता लगाने के लिए हाथ-पांव मारना शुरू किया। यूरोकॉप्टर के क्रैश होने की आशंका मजबूत हो चली थी।

तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पायलटों और तकनीकी दल के सदस्यों के परिजनों से मुलाकात कर ढांढस बंधाया। बाद में यूरोकॉप्टर की खोज के लिए वायु सेना और इसरो की भी मदद मांगी गई। इधर छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की पुलिस और प्रशासनिक अमला पूरे यात्रा मार्ग के आसपास के जिलों में इसके सुराग तलाशता रहा।

17 जुलाई की शाम छुईखदान ब्लॉक के एक ग्रामीण ने क्रैश हेलिकॉप्टर के देखने की जानकारी दी। यह छत्तीसगढ़ की सीमा से दो किलोमीटर दूर बालाघाट के लांजी तहसील में था। 18 जुलाई को बचाव टीम सरटेकरी व डोढ़हा पथरा जंगल में क्रैश साइट तक पहुंच पाई। तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था। क्रैश साइट पर यूरोकॉप्टर का मलबा और चारो सवारों का शव बिखरा हुआ था।

डिंडौरी और बोड़ला में भी हेलिकॉप्टर क्रैश की अफवाह थी

मैना के गायब होने की खबर पूरे प्रदेश में फैल चुकी थी। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सरकारी एजेंसियां हर सूचना पर बचाव दल को रवाना कर रही थीं। इस बीच मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले के जंगलों के एक हेलिकॉप्टर के क्रैश होने की सूचना पर पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीमों ने सर्च अभियान चलाया था। बोड़ला के तरेगांव में के जंगलों में हेलिकॉप्टर गिरने की खबर आई। तलाशी के बाद यह सूचना भी गलत निकली।

मैना के साथ पायलटों की भी मौत हो गई थी

छत्तीसगढ़ सरकार के यूराेकॉप्टर मैना के क्रैश हो जाने से उसमें सवार सभी चार लोग मारे गए थे। इसमें पायलट ए.एस. सिद्धु, को-पायलट विक्रम सावेकर, इंजीनियर अमिताभ सोनी और तकनीशियन मनीष बदानिया शामिल थे। इनके शव वायु सेना के विमान से रायपुर लाए गए थे।

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