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SC ने इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में SBI से जवाब मांगा:पूछा- चुनाव आयोग को दिए डेटा में बॉन्ड नंबर क्यों नहीं

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Acn18.com l सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े केस में SBI को नोटिस जारी किया है। कोर्ट का कहना है कि कॉन्स्ट्यूिशन बेंच के फैसले में स्पष्ट कहा गया था कि चुनावी बॉन्ड की पूरी डीटेल, खरीदी की तारीख, खरीदार का नाम, कैटेगरी समेत दी जाए। एसबीआई ने चुनावी बॉन्ड के अल्फा न्यूमेरिक नंबर्स का खुलासा नहीं किया है। इसके लिए लिए कोर्ट ने 18 मार्च तक जवाब मांगा है।इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने से जुड़े केस में SBI की याचिका पर 11 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की थी। कोर्ट ने कहा था- SBI 12 मार्च तक सारी जानकारी का खुलासा करे। इलेक्शन कमीशन सारी जानकारी को इकट्ठा कर 15 मार्च शाम 5 बजे तक इसे वेबसाइट पर पब्लिश करे।15 फरवरी को इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री पर रोक लगी सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने 15 फरवरी को इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री पर रोक लगा दी थी।साथ ही SBI को 12 अप्रैल 2019 से अब तक खरीदे गए इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी 6 मार्च तक इलेक्शन कमीशन को देने का निर्देश दिया था।

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4 मार्च को SBI ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर इसकी जानकारी देने के लिए 30 जून तक का वक्त मांगा था। इसके अलावा कोर्ट ने एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की उस याचिका पर भी सुनवाई की, जिसमें 6 मार्च तक जानकारी नहीं देने पर SBI के खिलाफ अवमानना का केस चलाने की मांग की गई थी।

चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर भी आज सुनवाई सुप्रीम कोर्ट आज मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के खिलाफ सुनवाई करेगा। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने मामले को लेकर याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने नए कानून के तहत केंद्र सरकार को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से रोकने की मांग की है। ADR के वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट से जल्द से जल्द सुनवाई की मांग की थी।ADR के अलावा मध्य प्रदेश की कांग्रेस नेता जयाठाकुर ने भी मामले में एक याचिका दायर की है। उनकाकहना है कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर बनेनए कानून में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) को चयनसमिति से बाहर कर दिया गया है। ऐसे में यह प्रक्रियानिष्पक्ष नहीं रही गई। ऐसे में सिलेक्शन कमेटी में CJIका होना जरूरी है।मामले की सुनवाई CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच करेगी। इसमें CJI के अलावा जस्टिस संजीव खन्ना, बीआर गवई, जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा भी शामिल हैं।

नियुक्ति प्रक्रिया में CJI के न होने से हेरफेर की आशंका याचिकाकर्ताओं ने चीफ इलेक्शन कमिश्नर एंड इलेक्शन कमिश्नर (अपॉइंटमेंट, कंडिशन ऑफ सर्विस एंड टर्म ऑफ ऑफिस ) एक्ट-2023 की धारा-7 को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि यह संविधान के अनुच्छेद-14 का उल्लंघन करता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सिलेक्शन कमेटी में प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को होना चाहिए। केंद्र सरकार ने 2023 में जो कानून बनाया है, उसमें सिलेक्शन कमिटी में चीफ जस्टिस को हटाकर उनकी जगह PM की ओर से नामित केंद्रीय मंत्री को रखा गया है। इस तरह से सिलेक्शन प्रक्रिया खतरे में होगी और हेरफेर का अंदेशा है।ज्ञानेश और सुखबीर चुनाव आयुक्त बने केंद्र सरकार ने गुरुवार शाम को नोटिफिकेशन जारी करके बताया कि पूर्व IAS अफसर ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू चुनाव आयोग में नए चुनाव आयुक्त होंगे। गुरुवार की सुबह ही इनकी नियुक्ति को लेकर प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले पैनल ने बैठक की। इसके बाद नेता विपक्ष अधीर रंजन ने इनके नामों के तय होने की संभावना जताई थी।

सुखबीर उत्तराखंड के चीफ सेक्रेटरी और NHAI के चेयरमैन रह चुके हैं। ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के IAS अफसर हैं। वे गृह मंत्रालय में रह चुके हैं। धारा 370 पर फैसले के वक्त गृह मंत्रालय में पोस्टेड थे। सहकारिता मंत्रालय में सचिव पद से रिटायर हुए हैं।

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