acn18.com कोरबा / कोरबा जिले में रेत की किल्लत समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है। शहरी क्षेत्र की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्र में अधिक रेतघाट का संचालन हो रहा है। कोरबा शहर में एकमात्र भिलाईखुर्द रेत घाट संचालित हो रहा है,जबकि 8 की संख्या में ग्रामीण क्षेत्र में घाट संचालित हो रहे है। अधिकारियों ने बताया,कि जिले में कुल 25 रेतघाट है,जिन्हें शुरु कराने का प्रयास जारी है।
छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के साथ ही लोगों को उम्मीद है,कि एक के बाद एक सभी रेतघाटों का नियमानुसार संचालन शुरु हो जाएगा,लेकिन ऐसा नहीं हो सका। सरकार बनने के सौ दिन बीतने के बाद भी जिले के 25 रेतघाटों में से केवल 9 का ही विधीवत् रुप से संचालन हो पा रहा है। 9 में से एक घाट शहरी क्षेत्र में जबकि 8 घाट ग्रामीण क्षेत्र में संचालित हो रहा है,जिससे भवन निर्माण के लिए रेत की कमी बनी हुई है। इस संबंध में जब हमने विभागीय अधिकारियों से बात की तब उन्होंने बताया,कि बाकी बचे रेतघाटों की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव शासन के पास भेजा गया है,जैसे ही स्वीकृति मिलेगी वैसे ही घाटों का संचालन शुरु कर दिया जाएगा।
लोक सभा चुनाव के मद्देनजर अभी आदर्श चुनाव आचार संहिता का प्रतिबंध लगा हुआ है,इस लिहाज से जून माह तक नए रेत घाटों को स्वीकृति मिलेगी इसकी संभावना ना के बराबर है,ऐसे में रेत की किल्लत दूर होने में अभी दो माह और लग सकते है।