भारत के चंद्रयान 3 के बाद अब रूस भी चांद पर उतरने की तैयारी में है। रूस के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि रूस 11 अगस्त को चांद के लिए मिशन लूना-25 लॉन्च कर सकता है। रूस इससे पहले 1976 में चांद पर मिशन लूना-24 उतार चुका है।
भारत ने 14 जुलाई को चंद्रयान-3 लॉन्च किया है। यह 23 अगस्त को चांद पर लैंड करेगा। वहीं रूस का लूना-25 इससे पहले चांद पर उतर सकता है। रूस की योजना यान को चंद्रमा के साउथ पोल पर उतारने की है। चांद के इस पोल पर पानी मिलने की संभावना है।
रूस वोस्तोचन कोस्मोड्रोम से लूना-25 को लॉन्च करेगा। यह जगह मॉस्को से करीब 5,550 किमी पूर्व में स्थित है। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस की तरफ से भी इसकी पुष्टि की गई है।
एजेंसी ने कहा कि लूना-25 पांच दिन में चांद तक पहुंच जाएगा। इसके बाद वह 5-7 दिन चांद की ऑर्बिट में रहेगा। इसके बाद चांद पर उतरेगा। यानी इसका चांद पर उतरने का समय करीब-करीब वही रहेगा या कुछ घंटे पहले का रहेगा, जब हमारा चंद्रयान-3 चांद की धरती पर उतरेगा।
सोयुज-2 फ्रीगेट बूस्टर पर लॉन्च होगा
रोस्कोस्मोस ने कहा है कि लूना-25 सोयुज-2 फ्रीगेट बूस्टर पर लॉन्च होगा। यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला लैंडर होगा। मिशन का मकसद सॉफ्ट-लैंडिंग टेक्नोलॉजी को डेवलप करना, चंद्रमा की आंतरिक संरचना पर रिसर्च करना और पानी समेत दूसरी जरूरी चीजों की खोज करना होगा। उम्मीद है कि लैंडर एक साल तक चंद्रमा की सतह पर काम करेगा।
क्यों खास है यह मिशन?
1976 में लॉन्च किया गया लूना-24 चांद की करीब 170 ग्राम धूल लेकर सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस पहुंचा था। अंतरिक्ष विज्ञानी व्लादिमीर सर्डिन ने अनुमान लगाया कि लूना-25 मिशन की सफलता की संभावना 50 फीसदी है।
गांव खाली कराया जाएगा
रोस्कोस्मोस ने बताया है कि लूना-25 मिशन की लॉन्चिंग के लिए रूस के दक्षिण-पूर्व में खाबरोवस्क क्षेत्र में शख्तिंस्की गांव को 11 अगस्त की सुबह खाली करा लिया जाएगा। गांव खाली कराने का कदम सावधानी के तहत उठाया जा रहा है। यह गांव उस अनुमानित इलाके में आता है जहां पर अलग होने के बाद रॉकेट बूस्टर के गिरने की संभावना है।