सीनियर IAS अधिकारी जितेंद्र नारायण को केंद्र सरकार ने सोमवार को सस्पेंड कर दिया। नारायण पर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का मुख्य सचिव रहने के दौरान एक 21 वर्षीय युवती ने नौकरी का झांसा देकर दुष्कर्म का आरोप लगाया है।
युवति के मुताबिक, घटना अप्रैल-मई की है और उसने अगस्त में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। 1990 बैच के IAS नारायण घटना के 3 महीने पहले तक अंडमान-निकोबार में पूर्व मुख्य सचिव थे। वर्तमान में वे दिल्ली फाइनेंशियल कॉरपोरेशन के चेयरमैन और MD थे। इसके अलावा एक अन्य आरोपी आरएल ऋषि, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में ही लेबर ऑफिसर के रूप में तैनात थे।
युवती ने अगस्त में की थी शिकायत
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के DGP के मुताबिक, युवती ने 22 अगस्त को शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें पूर्व मुख्य सचिव और श्रम आयुक्त पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर गैंगरेप करने का आरोप लगाया गया है। 1 अक्टूबर को पोर्ट ब्लेयर के एबरडीन पुलिस स्टेशन में दोनों अफसरों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी।
युवती को पुलिस सुरक्षा दी गई
मामले की जांच के लिए DGP ने SIT का गठन किया है। युवती को पुलिस सुरक्षा भी दी गई है। शिकायत में महिला ने अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में बताया है। जिसमें उसने पोर्ट ब्लेयर में नारायण के आधिकारिक आवास पर अप्रैल और मई महीने की रात में दो बार हुए हिंसक यौन हमलों के बारे में अपनी आपबीती बयां की है।
मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराया बयान
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पोर्ट ब्लेयर में SIT के साथ-साथ मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा युवति का धारा 164 CRPC के तहत इकबालिया बयान दर्ज किया गया है, जहां उसने दूसरी शिकायत दर्ज की है। महिला के एक रिश्तेदार ने कहा कि वे एहतियात के तौर पर धारा 164 के बयान को वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फिर से दर्ज करने की अपील करेंगे।
होटल मालिक ने कराया परिचय
जितेंद्र नारायण ने कथित तौर पर अपने लिखित खंडन में दावा किया है कि उनपर स्थानीय अधिकारियों के इशारे पर यह आरोप लगाए गए, जिनके खिलाफ उन्होंने मुख्य सचिव रहते हुए कार्रवाई की थी। हालांकि युवति के मुताबिक नौकरी की तलाश में एक होटल मालिक के जरिए उसकी जान-पहचान लेबर ऑफिसर से कराई गई थी और फिर उसे वह मुख्य सचिव के सरकारी आवास पर ले गया।