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रायपुर : गोधन न्याय योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिली मजबूती: मुख्यमंत्री श्री बघेल

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गोधन न्याय योजना: हितग्राहियों को 56वीं किश्त के रूप में 7 करोड़ से अधिक की राशि का अंतरण

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मुख्यमंत्री ने किसानों से पैरादान के लिए की अपील

अब तक 4 हजार से अधिक गौठान पूरी तरह से स्वावलंबी बन स्वयं की राशि से खरीद रहे गोबर

गोधन न्याय योजना की सफलता से देश के अन्य राज्य भी हो रहे प्रभावित

Acn18.com रायपुर/ आमने-सामने बात-चीत होती रहती है। मुझे आप लोगों का उत्साह देखकर बहुत अच्छा लगता है। छत्तीसगढ़ में इस साल भी धान की फसल अच्छी हुई है। वर्तमान में धान खरीदी का काम भी जोर-शोर से चल रहा है। किसानों को कोई असुविधा न हो, इसके मद्देनजर धान खरीदी व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त बनाया गया है। चालू धान खरीदी सीजन में अब तक 8 लाख 67 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। धान के एवज में किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत लगभग 01 हजार 800 करोड़ रूपए का भुगतान भी कर दिया गया है। प्रदेश में इस वर्ष 110 लाख मीट्रिक टन धान के उपार्जन का लक्ष्य निर्धारित है। कार्यक्रम को कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने भी सम्बोधित किया।

गौरतलब है कि राज्य में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत ग्रामीण पशुपालक किसानों से गोबर क्रय करने में छत्तीसगढ़ सरकार के साथ-साथ अब स्वावलंबी गौठान भी बराबर की भागीदारी निभाने लगे हैं। राज्य में औसत रूप से प्रत्येक पखवाड़े 4 से 5 करोड़ रूपए की गोबर खरीदी गौठानों में हो रही है, जिसमें से दो से ढ़ाई करोड़ रूपए का गोबर स्वावलंबी गौठान स्वयं की राशि से कर रही है। बीते कुछ पखवाड़े से यह स्थिति बन गई है कि गोधन न्याय योजना के तहत हो रही गोबर खरीदी की राशि का लगभग 50 प्रतिशत से भी कम का भुगतान ही सरकार के जिम्मे आ रहा है। राज्य में 4010 गौठान पूरी तरह से स्वावलंबी बन गए हैं इन गौठान समितियों के पास 103 करोड़ रूपए की पूंजी जमा है। गौठान समितियों ने अब तक 26.73 करोड़ रूपए का गोबर स्वयं की राशि से क्रय किया है।

गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर खरीदी के एवज में अब तक गोबर विक्रेता पशुपालक ग्रामीणों को 179.28 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। 20 नवम्बर को 4.55 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह आकड़ा 183.83 करोड़ रूपए हो जाएगा। इसी तरह गौठान समितियों और महिला समूहों को लाभांश के रूप में 164.24 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान किया गया है। 20 नवम्बर को 2.59 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह राशि बढ़कर 166.84 करोड़ रूपए हो जाएगी। यहां यह उल्लेखनीय है कि महिला स्व-सहायता समूहों को वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय के पश्चात शासन द्वारा 18 करोड़ रूपए के विशेष बोनस का भुगतान किया गया था। राज्य में 10 हजार 448 गौठान स्वीकृत किए गए, जिनमें 9 हजार 36 गौठान निर्मित एवं संचालित हैं। गौठानों में पंजीकृत विक्रेताओं और पशुपालकों से 2 रुपए प्रति किलो की दर पर गोबर खरीदी की जा रही है। इससे 3 लाख 2 हजार 118 ग्रामीण, पशुपालक और भूमिहिन लाभान्वित हो रहे हैं, जिसमें भूमिहीनों की संख्या 1 लाख 66 हजार 279 हैं। लाभान्वितों में 46.13 फीसदी महिलाएं हैं। अलग-अलग वर्गों में अन्य पिछड़ा वर्ग के 49.03 फीसदी, अनुसूचित जनजाति के 39.56 फीसदी, अनुसूचित जाति के 8.10 फीसदी लाभान्वित हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, मछुआ सहकारी संघ के अध्यक्ष श्री एम. आर. निषाद, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, मुख्यमंत्री सचिवालय के सचिव श्री अंकित आनंद, पशुपालन विभाग की संचालक श्रीमती चंदन संजय त्रिपाठी सहित संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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