acn18.com कोरबा/रेल प्रबंधन द्वारा कोरबा को दो सौगात दी गई है छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस जो जाती तो कोरबा से थी लेकिन वापस बिलासपुर में रद्द हो जाती थी उसे कोरबा तक चलाया जाएगा दूसरी सुविधा कोरबा से रायगढ़ के मध्य एक यात्री ट्रेन चलाने की भी घोषणा की गई है। दोनों सुविधा कोरबा वीडियो के लिए आंग्ल नव वर्ष की सौगात कहीं जा सकती है। कोरबा सांसद श्रीमती जोशना महंत ने इसे अपने उपलब्धि बताते हुए रेल मंत्री को धन्यवाद दिया है। कोरबा विकास समिति रेल ने भी खुशी जाहिर की है साथ ही अभी कहा है कि नेताओं को ध्यान रखना होगा कि यह ट्रेन हमेशा चले लोकसभा चुनाव के बाद इसे बंद न कर दिया जाए
छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस अब कोरबा से अमृतसर जाएगी और वापस भी कोरबा तक आएगी उसे बिलासपुर में रद्द नहीं किया जाएगा इसके अलावा कोरबा से रायगढ़ के मध्य भी एक यात्री ट्रेन चलाने की घोषणा रेल विभाग ने की है। कोरबावासियों के लिए रेल विभाग द्वारा सुखद भरी खबरों का स्वागत करते हुए कोरबा लोकसभा क्षेत्र की सांसद श्रीमती ज्योत्सना चरणदास महंत ने केन्द्रीय रेल मंत्री का आभार जताया है। सांसद ने कहा है कि उनके प्रयास और रेल सुविधाओं के लिए लगातार हो रहे संघर्ष व सुविधाओं के लिए पहल तथा पत्राचार पर केन्द्रीय रेल मंत्री ने संज्ञान लिया और जनता की मांगों के अनुरूप छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस का विस्तार कोरबा तक करने का निर्णय लिया गया है। अमृतसर-बिलासपुर के मध्य चलने वाली छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस का विस्तार रेलवे द्वारा कोरबा तक किया गया है जिससे कोरबा से अमृतसर और इस रूट की यात्रा करने वाले यात्रियों को कोरबा से ही जाने और कोरबा तक आने की सुविधा प्राप्त होगी। सांसद ने छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस का विस्तार कोरबा तक कराने का निर्णय के साथ ही रेल संबंधी अन्य सुविधाओं को प्रदाय करने पर केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के प्रति आभार व्यक्त किया है।
इसके साथ ही सांसद ने ध्यानाकर्षण कराया है कि गेवरा रोड-कोरबा से राउरकेला तक एक नई यात्री ट्रेन चलाने, बैकुण्ठपुर रोड एवं कटोरा रेलवे स्टेशन की स्थापना तथा स्पेशल बिलासपुर-गेवरा रोड गाड़ी नंबर-08210 जो प्रतिदिन चलती थी और उसे कोरोना काल में सप्ताह के तीन दिन मंगल, बुध व शुक्रवार कर दिया गया है उसे सप्ताह में सात दिन किया जाये। सांसद ने क्षेत्रवासियों की मंशानुरूप उपरोक्त लंबित मांगों का भी शीघ्र एवं यथोचित निराकरण करने की मांग व अपेक्षा केन्द्रीय रेल मंत्री से दोहराई है।
गौर तलब है कि यदि कोई मक्खी चूस आपको रबड़ी खाने के लिए बुलाए तो आपको आश्चर्य जरूर होगा ।आपके ज़हन में आएगा कि कहीं ना कहीं कोई ना कोई स्वार्थ इस मक्खी चूस का जरूर होगा तभी तो जो किसी को अपना बुखार ना दे वह रबड़ी खाने के लिए बुला रहा है। यही कहावत चरितार्थ होती है रेल प्रबंधन पर भी। कोरबा को सिर्फ अपना चारागाह बनाए रखने वाले रेल मंत्रालय ने कोरबा की झोली में दो सौगात डालने की घोषणा करी है। इस घोषणा पर ताजुब हुआ की रेलवे ने अचानक यह खुशी कोरबा वालों की थाली में कैसे परोस दी। जिसकी मांग वर्षो से की जा रही थी उस पर पहले ध्यान क्यों नहीं दिया गया फिर याद आया कि चार महीना बाद लोकसभा चुनाव भी तो है। हो सकता है यह सौगात हमें लोकसभा चुनाव को दृष्टिगत रखकर ही दी जा रही हो। कोरबा विकास समिति रेल ने रेलवे की इस घोषणा पर खुशी जाहिर की है लेकिन उसने राजनेताओं को यह भी याद कराया है कि एक दशक पूर्व ऐसे ही कोरबा रायपुर के मध्य इंटरसिटी एक्सप्रेस चलाई गई थी लेकिन लोकसभा चुनाव संपन्न हो जाने के कुछ दिन बाद इसे बंद कर दिया गया था इसे पुनः चालू करने के लिए कोरबा विकास समिति रेल ने लंबा संघर्ष किया तब जाकर 2018 में इंटरसिटी एक्सप्रेस हसदेव एक्सप्रेस के नाम पर पुनः प्रारंभ की गई थी। इंटरसिटी जैसे संघर्ष कोरबा को फिर ना करना पड़े इसका ख्याल भाजपा और कांग्रेस दोनों के नेताओं को रखना पड़ेगा