acn18.com राजनांदगांव / डोंगरगढ़ के टिकरा पारा वार्ड नंबर- 3 निवासी रेलवे कर्मचारी विजय नेताम की खुदकुशी के मामले में पुलिस ने जांच तेज कर दी है। सुसाइट नोट में विजय नेताम ने शहर के नामी लोगों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। इसी प्रताड़ना से तंग आकर रेलकर्मी ने फांसी लगाकर जान दे दी।
शनिवार को स्थानीय विधायक और अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भुनेश्वर बघेल मृतक के घर पहुंचे और पीड़ित परिवार का ढांढस बंधाया। परिजन ने मृतक का सुसाइड नोट की एक कॉपी भी विधायक को सौंपा। जिसमें विजय ने अपने मौत की वजह का उल्लेख किया है।
घटना के दिन पुलिस ने घर के सदस्य से सुसाइड नोट बरामद किया था। सुसाइड नोट को सार्वजनिक न करते हुए हैंडराइटिंग मिलाने की बात कहकर जांच में लिया गया। लेकिन विधायक के सामने परिजनों ने जो बयान दिया है उसमें उन्होंने कहा है कि सुसाइड नोट में जिन लोगों के नाम है, वे मृतक को लगातार पैसे के लिए प्रताड़ित करते थे। इसी वजह से विजय मानसिक रूप से परेशान था। मृतक ने सुसाइड नोट में लिखा है कि उसके पिताजी ने शहर के बड़े रसूखदार परिवार से कर्ज लिया था। जिसे विजय ब्याज सहित चुका रहा था। पूरी राशि ब्याज सहित देने के बाद भी रसूखदार लगातार परेशान करते रहे। प्रताड़ना से तंग आकर रेलकर्मी ने गुरुवार को घर के पास पेड़ में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
मृतक और परिवार को मिले न्याय
विधायक भुनेश्वर बघेल के सामने परिवार के सदस्यों ने कहा कि जिन लोगों की वजह से विजय ने आत्महत्या का कदम उठाया। उसके आरोपियों को कड़ी सजा मिले। रसूखदारों ने ही आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया है। ऐसे लोगों को सजा मिलने पर ही परिवार और मृतक को न्याय मिलेगा।
विधायक ने जांच कर कार्रवाई के दिए आदेश
विधायक भुनेश्वर बघेल ने मामले की निष्पक्षता से जांच करने के आदेश डोंगरगढ़ टीआई को दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसी की वजह से दबाव में आकर आत्महत्या करने वाले को बख्शा न जाए। इधर टीआई सुरेंद्र स्वर्णकार ने बताया कि सुसाइड नोट की जांच की जाएगी। मृतक के हैंडराइटिंग मिलान होने पर दोषियों के खिलाफ जरुर कार्रवाई होगी।
10 से 12 % ब्याज और रंगदारी का चल रहा खेल
शहर में ब्याज में पैसे बांटने का खेल जमकर चल रहा है। जिसकी वजह से लोग रसूखदारो के चंगुल में फंस रहे हैं। साहूकारी का लाइसेंस न होने के बाद भी लोग ब्याज में कर्ज बांट रहे हैं। शहर में 10 से 12 प्रतिशत ब्याज में रकम दी जा रही है। वहीं प्रत्येक माह ब्याज चुकाने के बाद भी चक्रवृद्धि दर से जोड़कर कर्ज बांट रहे हैं। लोगों पर मानसिक रूप से दबाव बनाकर वसूली की जा रही है। इसे रोकने के लिए पुलिस भी कुछ नहीं कर रही। रसूखदारों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने से ब्याज का धंधा जमकर फल-फूल रहा है।
भ्रामक जानकारी प्रसारित करने से बचे, संदिग्धों के खिलाफ हो सकती है कार्रवाई