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‘आदिपुरुष’ का विरोध, टॉकीज से निकाला पोस्टर:हिंदू संगठन बोले- 21 जून तक सभी थिएटर से फिल्म हटाएं, या आपत्तिजनक सीन्स, डायलॉग्स एडिट करें

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Acn18.com/छत्तीसगढ़ के बस्तर में भी प्रभास और कीर्ति सेनन स्टारर फिल्म आदिपुरुष का विरोध शुरू हो गया है। हिंदू संगठन सक्षम के सदस्यों ने जगदलपुर में टॉकीज के बाहर लगे फिल्म का पोस्टर निकाल दिया है। मूवी में बोले गए डायलॉग्स और कई तरह के आपत्तिजनक सीन का विरोध किया जा रहा है। हिंदू संगठन का कहना है कि अभद्र भाषा से हमारी आस्था को ठेस पहुंच रही है।

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हिंदू संगठन के सदस्यों ने जिला प्रशासन और पुलिस अफसरों को ज्ञापन सौंपकर कहा कि, 21 जून तक जगदलपुर के सारे सिनेमाघरों से फिल्म को हटाया जाए या फिर इसके आपत्तिजनक सीन और डायलॉग्स को एडिट किया जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो सक्षम के सदस्य खुद फिल्म बंद करवाने में सक्षम हैं। हालांकि, इस संबंध में अब तक प्रशासन की तरफ से कोई बयान नहीं आया है।

टॉकीज के बाहर हुआ बवाल

सक्षम संस्था समेत अन्य हिंदू संगठन के सदस्य शहर के झंकार टॉकीज के बाहर पहुंचे। उन्होंने थिएटर के बाहर लगे आदिपुरुष के पोस्टर को हटाया। साथ ही जमकर बवाल भी किया। हालांकि, कुछ देर बाद मामला शांत हुआ। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी फिल्म का विरोध शुरू हो गया है।

प्रशासन को दी चेतावनी

हिंदू संगठन समक्ष के सदस्य नीरज उस्ता ने कहा कि, इस फिल्म में प्रभु श्री राम, सीता, भगवान लक्ष्मण और हनुमान जी के चरित्र का जो दृश्य दिखाया गया है। इसमें हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच रही है। इसके डायलॉग में अभद्रता नजर आ रही है। मजाक बनाया गया है। जिससे हमारी धार्मिक और सामाजिक भावनाओं के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि, 21 जून तक हमारी मांग पूरी नहीं होती है तो समस्त सनातनी समाज के लोग आंदोलन पर उतरेंगे। इसकी जिम्मेदारी प्रशासन और थिएटर मालिकों की होगी।

आदिपुरुष फिल्म को लेकर भूपेश बघेल ने क्या कहा, 5 पॉइंट में पढ़िए

1. आदिपुरुष में संवाद और भाषा अमर्यादित है। तुलसी रामायण में भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम बताया गया है, और मर्यादित शब्दों का चयन किया गया है। लेकिन आदिपुरुष में हनुमान जी के पात्र का डायलॉग बेहद ही निम्न स्तर का है।

2. राजीव गांधी जब प्रधानमंत्री थे तब उन्होंने रामानंद सागर से कहकर रामायण सीरियल बनवाया था। जो काफी लोकप्रिय हुआ था। उस समय बाजार बंद हो जाता था, गाड़ियां रुक जाती थी, काम-धाम छोड़कर सब रामायण का इंतजार करते थे।

3. आदिपुरुष के बहाने भगवान राम और हनुमान की तस्वीर को पहले विकृत किया गया, और अब उनके पात्रों द्वारा अमर्यादित शब्द बुलवाए गए। हमारे आराध्य देव जिनके प्रति हमारी आस्था है उनके पात्रों से ऐसा शब्द बुलवाना आपत्तिजनक है। इसकी मैं निंदा करता हूं।

4. भूपेश बघेल ने कहा, राजनीतिक दल के लोग जो धर्म के ठेकेदार बनते हैं आखिर वे इस मामले में मौन क्यों हैं। कश्मीर फाइल्स और केरल स्टोरी को लेकर बीजेपी के नेता बयान देते रहे हैं लेकिन आदिपुरुष को लेकर ये मौन क्यों हैं। बीजेपी के निचले स्तर के भी नेता कुछ नहीं बोल पा रहे हैं।

5 बचपन से ही हमारा परिचय हनुमान से ज्ञान,शक्ति और भक्ति के प्रतीक के रूप में कराया गया है।

भूपेश बघेल के बयान के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने क्या कहा…

सोशल मीडिया के माध्यम से फिल्म आदिपुरुष के कुछ क्लिप की जानकारी मिली है। फिल्म में भाषा, वेशभूषा और सनातन संस्कारों से छेड़छाड़ किया गया है। ये फिल्म धार्मिक भावना को आहत करती है। मैं कड़े शब्दों में इसकी निंदा करता हूं। छत्तीसगढ़ सरकार को ऐसी फिल्म प्रदेश में बैन करनी चाहिए।

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