Acn18.com/कोरबा शहर में संचालित निजी अस्पताल के एजेंट इन दिनों काफी सक्रिय हो गए है। मरीजों को लूटने की मंशा से निजी अस्पताल के दलाल सरकारी अस्पताल के आसपास चक्कर काटते देखे जा सकते हैं जहां मरीजों को बेहतर उपचार देने का झांसा देकर प्राईवेट अस्पताल में भर्ती करा लेते हैं और उपचार के नाम पर मोटा बिल बना देते है। ऐसा ही कुछ जिला अस्पताल में देखते को मिला जहां सड़क हादसे में घायल कुछ मरीजों को कृष्णा अस्पताल के एजेंट अपने झांसे में लेने के लिए कार्ड थमा दिया। पूछताछ के दौरान मरीज ने बताया,कि उन्हें निजी अस्पताल बेहतर सुविधाएं देने की बात कही गई थी।
कोरबा जिले में संचालित निजी अस्पताल प्रबंधन अपनी दुकानदारी चलाने के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों पर डोरे डालने लगे है। अस्पताल के एजेंट मरीजों को उपचार के नाम पर लूटने के लिए सरकारी अस्पताल के आसपास चक्कर काटते हुए आसानी से दिख जाते हैं और मौका पाते ही मरीजों को अपनी बातों में उलझाकर निजी अस्पताल ले जाते हैं जहां ईलाज के नाम पर मोटी रकम वसूलते है। ऐसा ही कुछ मेडिकल काॅलेज जिला अस्पताल में देखने को मिला जहां सड़क दुर्घटना में घायल तीन लोग अपना उपचार यहां करा रहे थे। मरीजों से पूछताछ के दौरान पता चला,कि कृष्णा अस्पताल का एजेंट उनके पास पहुंचा और अपना विजिटिंग कार्ड थमाते हुए अपने अस्पताल में बेहतर उपचार होने की पेशकश देते हुए दिए होने फोन नंबर पर संपर्क करने को कहा। मरीज ने आयुष्मान भारत योजना के साथ ही और भी सुविधाएं देने का झांस उसे दिया थ।
यह पहली बात नहीं है,जब एजेंट सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों को अपनी बातों में उलझाकर निजी अस्पताल ले जाते हैं। कई बार इस तरह के मामले सामने आए हैं जहां गरीब मरीजों से ईलाज के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है। ऐसे एजेंटो का अस्पताल से कमिशन फिक्स रहता है जहां प्रबंधन को कमाई का कुछ हिस्सा दलालों को दिया जाता है। इस तरह के मामलों में स्वास्थ्य विभाग को सजग होने की जरुरत है ताकी मरीज लुटने से बच सके।