ACN18.COM कोरबा/ सरकारी अस्पतालों के आसपास निजी एंबुलेंस की उपस्थिति और जमावड़ा लगने से कई मौकों पर अप्रिय घटनाएं हो चुकी हैं और बाद में अस्पताल प्रबंधन को लेने के देने पड़े हैं। पहाड़ी कोरवा महिला की मौत के मामले से काफी सख्ती दिखाई गई थी । इसके बावजूद हालात फिर से बिगड़ रहे हैं। मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के डीन ने बताया कि निजी एंबुलेंस को इस इलाके में घुसने से रोकने के लिए आदेश जारी किया जाएगा।
उस समय तक सब कुछ ठीक-ठाक चलने के बाद अब मैं फिर से वैसा ही ढर्रा नजर आने लगा है और बाकी सरकारी अस्पताल के परिसर में। यहां अभी भी निजी एंबुलेंस कि पहुंच होने लगी है। 2 महीने पहले सतरेंगा क्षेत्र की पहाड़ी कोरबा महिला को पैर फैक्चर होने पर उसके परिजन अस्पताल लेकर आए थे। यहां पर सही उपचार देने के बजाय उसे निजी अस्पताल भेज दिया गया था जहां पर उसकी मौत हो गई। सच्चाई उजागर होने पर अस्पताल प्रबंधन ने आनन-फानन में जीवनदीप समिति से जुड़कर काम कर रहे निचले स्तर में 3 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी थी जबकि संबंधित डॉक्टर को नोटिस जारी किए गए थे। इस मामले में शक्ति दिखाने की कोशिश की गई थी और निजी एंबुलेंस के अलावा दलाल किस्म के लोगों के यहां पर प्रवेश करने को प्रतिबंधित कर दिया गया था। खबर मिल रही है कि आप फिर से निजी एंबुलेंस यहां पर दिखाई दे रही हैं। इस बारे में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि जल्द ही व्यवस्था को ठीक ठाक करने का प्रयास करेंगे।
मरीजों को सुविधा देने के लिए सरकार की कई योजनाओं के अंतर्गत 108 संजीवनी एंबुलेंस से लेकर महतारी एक्सप्रेस और पुलिस की डायल 112 सेवा उपलब्ध है। कई सामाजिक संस्थाएं भी इस कड़ी में अपना काम कर रहे हैं। इसके बावजूद मजबूरी बस कुछ मामलों में लोगों को निजी एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ता है लेकिन इसी की आड़ में सरकारी अस्पतालों से मरीजों को दूसरी जगह ले जाने का खेल हो जाता है। अधिक धन कमाने की लालसा में इस प्रकार के काम किए जाते हैं और बाद में इसकी खराब तस्वीर सामने आती हैं।
अग्नि बचाव के लिए बहुत कुछ करना बाकी है अस्पताल में , आपदा प्रबंधन विभाग की टीम ने व्यवस्था देखी