Acn18.com/छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में हुई नक्सल घटना ने एक बार फिर पूरे देश की आंखें नम कर दी है। DRG के 10 जवान और एक वाहन चालक की शहादत ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। 10 शहीद जवानों में 8 पूर्व नक्सली थे। किसी का सुहाग उजड़ा तो किसी ने अपने नौजवान बेटे को खोया। कई मासूमों के सिर से पिता का साया उठ गया। पिता के लिए बच्चे बिलखते नजर आए, तो कहीं सुहाग उजड़ने के बाद पत्नियां खुद को संभाल नहीं पाईं।
कासोली में शहीद पति के लिए सजी चिता पर उनकी पत्नी लेट गईं। बिलखते हुए बोली, ‘इनसे पहले मुझे जला दो’। यह मंजर देखकर वहां मौजूद हर किसी की आंखों से आंसू छलक पड़े। इधर, साथियों की शहादत और उनके घर वालों की चीखे सुनकर DRG की महिला कमांडोज रो पड़ीं।
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में नक्सली हमले में शहीद हुए 2 जवानों का कारली के शांतिकुंज में ही अंतिम संस्कार किया गया। माओवादियों ने फरमान जारी करते गांवों में शव लाने से मना कर दिया था। यदि शव लाया जाता तो अंजाम बुरा होने की धमकी भी दी थी। सुरक्षा के लिहाज से परिजनों को दंतेवाड़ा बुलाया गया और यहीं शवों का अंतिम संस्कार किया गया।