प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह मन की बात के 113वें एपिसोड में कहा- परिवारवादी राजनीति नई प्रतिभाओं को दमन करती है। बिना पॉलिटिकल बैकग्राउंड वाले युवाओं का राजनीति में आने से लोकतंत्र मजबूत होगा।
मैंने इस साल लालकिले से बिना पॉलिटिकल बैकग्राउंड वाले 1 लाख लोगों को पॉलिटिकल सिस्टम से जुड़ने की बात कही थी। इससे पता चला कि हमारे युवा राजनीति में आना चाहते हैं, लेकिन उन्हें सही मार्गदर्शन की जरूरत है।
मुझे उम्मीद है कि अब प्रयास से ऐसे युवा जिनका कोई पॉलिटिकल बैकग्राउंड नहीं है, वे भी पॉलिटिक्स में आएंगे। स्वतंत्रता के समय भी बिना पॉलिटिकल बैक्रगाउंड के कई लोग राजनीति में आए थे। युवा साथियों से कहूंगा कि पॉलिटिक्स में आएं। इससे देश बदलेगा और मजबूत होगा।
मोदी की मन की बात कार्यक्रम में 5 बड़ी बातें कहीं…
- 21वीं सदी के भारत में, कितना ही कुछ ऐसा हो रहा है, जो विकसित भारत की नींव मजबूत कर रहा है। जैसे, इस 23 अगस्त को ही हम सब देशवासियों ने पहला नेशनल स्पेस डे मनाया। पिछले वर्ष इसी दिन चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी हिस्से में शिव-शक्ति पॉइंट पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी। भारत इस गौरवपूर्ण उपलब्धि को हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश बना।
- हर घर तिरंगा और पूरा देश तिरंगा’ इस बार ये अभियान अपनी पूरी ऊंचाई पर रहा। देश के कोने-कोने से इस अभियान से जुड़ी अद्भुत तस्वीरें सामने आई हैं। हमने घरों पर तिरंगा लहराते देखा – स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी में तिरंगा देखा। लोगों ने अपनी दुकानों, दफ्तरों में तिरंगा लगाया। इस अभियान ने पूरे देश को एक सूत्र में बांध दिया है और यही तो ‘एक भारत- श्रेष्ठ भारत’ है।
- असम में तिनसुकिया जिले के छोटे से गांव बारेकुरी में, मोरान समुदाय के लोग रहते हैं और इसी गांव में रहते हैं ‘हूलॉक गिबन’, जिन्हें यहां ‘होलो बंदर’ कहा जाता है। हूलॉक गिबन्स ने इस गांव में ही अपना बसेरा बना लिया है। इस गांव के लोगों का हूलॉक गिबन के साथ बहुत गहरा संबंध है। गांव के लोग आज भी अपने पारंपरिक मूल्यों का पालन करते हैं। इसलिए उन्होंने वो सारे काम किए, जिससे गिबन्स के साथ उनके रिश्ते और मजबूत हों।
- पशुओं के प्रति प्रेम में हमारे अरुणाचल प्रदेश के युवा साथी भी किसी से पीछे नहीं हैं। अरुणाचल में हमारे कुछ युवा-साथियों ने 3-D प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग करना शुरू किया है – जानते हैं क्यों? क्योंकि वो, वन्य जीवों को सींगों और दांतों के लिए शिकार होने से बचाना चाहते हैं। नाबम बापू और लिखा नाना के नेतृत्व में ये टीम जानवरों के अलग-अलग हिस्सों की 3-D प्रिंटिंग करती है।
- मध्य-प्रदेश के झाबुआ में सफाई-कर्मी भाई-बहनों ने कमाल कर दिया है। इन भाई-बहनों ने हमें वेस्ट-टू-वेल्थ का संदेश सच्चाई में बदलकर दिखाया है। इस टीम ने झाबुआ के एक पार्क में कचरे से अद्भुत आर्ट वर्क तैयार किया है।
22 भाषाओं में ब्रॉडकास्ट होता है मन की बात कार्यक्रम
मन की बात को 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा 11 विदेशी भाषाओं में भी ब्रॉडकॉस्ट किया जाता है। इनमें फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली शामिल हैं। मन की बात की ब्रॉडकास्टिंग आकाशवाणी के 500 से अधिक ब्रॉडकास्टिंग सेंटर द्वारा किया जाता है।मन की बात का पहला एपिसोड 3 अक्टूबर 2014 को प्रसारित हुआ था। पहले एपिसोड की टाइम लिमिट 14 मिनट थी। जून 2015 में इसे बढ़ाकर 30 मिनट कर दिया गया था। 30 अप्रैल 2023 को मन की बात का 100वां एपिसोड प्रसारित किया गया था।