acn18.com जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के भानपुरी से लगे आमाबाल गांव में चुनावी सभा को संबोधित करने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जगदलपुर पहुंच गए हैं। लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने के बाद यह पीएम मोदी का पहला दौरा होगा। पीएम बस्तर के आमाबाल गांव में चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे। सभा स्थल की सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सभा में एक लाख लोगों की भीड़ जुटाने का लक्ष्य है।
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बस्तर लोकसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘विजय संकल्प’ रैली पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, हम (मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री) रैली में शामिल होने जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ की जनता को प्रधानमंत्री मोदी पर भरोसा है। आज की रैली सफल होगी ही और प्रभावी भी होगी।
जानिए कौन है बलिराम कश्यप
पीएम मोदी ने चुनावी सभा के लिए आम गांव की दिखने वाला आमाबाल गांव को इसलिए चुना, क्योंकि इसका कनेक्शन उनके गुरु बलिराम कश्यप से है। दरअसल, अपने पांच दशक की राजनीति में पांच बार विधायक और चार बार सांसद रहे स्वर्गीय बलिराम कश्यप बस्तर में भाजपा के अपने समय के सबसे प्रमुख नेता थे।
शिक्षक की नौकरी से त्यागपत्र देकर 1967 में उन्होंने जगदलपुर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए थे। जनसंघ के नेता 1971 में लोकसभा चुनाव भी लड़े लेकिन हार मिली। 1972 से 1993 तक वह पांच बार विधायक और दो बात बीजेपी सरकार में मंत्री थे। 1993 का विधानसभा चुनाव हारने के बाद उन्होंने प्रदेश की राजनीति छोड़ दी। 1998 में बस्तर सीट से लोकसभा सदस्य चुने गए और मार्च 2011 में उनका निधन हुआ।
इस वजह से बलिराम कश्यप को गुरु मानते हैं पीएम मोदी
इस दौरान चार बार सांसद रहे। 1998 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री व मध्यप्रदेश के प्रभारी थे। प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की जगदलपुर में चुनावी सभा की तैयारी के लिए वह चार दिन बस्तर में थे। बलिराम कश्यप की संगठनात्मक व प्रशासनिक क्षमता से मोदी बहुत प्रभावित हुए।
अटल जी की सभा में आई भीड़ से गदगद मोदी ने इसका श्रेय बलिराम को दिया था। पिछले विधानसभा चुनाव से पहले चार अक्टूबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालबाग मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए बलिराम कश्यप को याद किया था। उन्होंने बलिराम कश्यप को बड़ा नेता बताते हुए अपना गुरु कहा था।
बलिराम कश्यप ने बस्तर से लगातार चार बार दर्ज की जीत
1998 में भाजपा ने बस्तर लोकसभा सीट से जीत का खाता खोला और 2014 तक इस सीट पर किसी और को राज करने नहीं दिया। 1998 से लेकर 2011 तक भाजपा के टिकट पर बलिराम कश्यप ने यहां से लगातार चार बार जीत हासिल की और कांग्रेस को हराया।
लेकिन 2011 में उनके निधन के बाद यहां उपचुनाव करवाए गए, जिसमें उनके बेटे दिनेश कश्यप और कवासी लखमा के बीच मुकाबला हुआ। कश्यप ने जीत दर्ज की। 2014 के चुनाव में भी दिनेश कश्यप ने अपनी जीत को बरकरार रखा और यहां से सांसद चुने गए। हालांकि 2019 के चुनाव में यहां कांग्रेस के दीपक बैज चुनाव जीते और इस गढ़ को भेद सके।
बस्तर लोकसभा सीट में 19 अप्रैल को है मतदान
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में छत्तीसगढ़ की बस्तर लोकसभा सीट में 19 अप्रैल को मतदान होना है। मोदी बस्तर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी महेश कश्यप के पक्ष में प्रचार करेंगे। बस्तर लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने छह बार के विधायक कवासी लखमा को चुनाव मैदान में उतारा है। बस्तर लोकसभा सीट में भाजपा को 2019 में हार का सामना करना पड़ा था।