acn18.com कोरबा/नेशनल मेडिकल कमिशन के पैरामीटर के आधार पर कोरबा के मेडिकल कॉलेज से संबंध होकर संचालित किए जा रहे सरकारी अस्पताल में मनोरोग विशेषज्ञ की नियुक्ति कर दी गई है। लोगों को सेवाओं का लाभ मिलना शुरू हो गया है। कई प्रकार के मामलों में यह सेवाएं काफी महत्वपूर्ण साबित हो रही हैं।
भारत सरकार से मान्यता मिलने के साथ कोरबा के मेडिकल कॉलेज और इस से एफिलेटेड होकर चल रहे अस्पताल की व्यवस्था में आशाजनक सुधार दिख रहा है। धीरे-धीरे सुविधा और संसाधनों में बढ़ोतरी हो रही है। कुल मिलाकर इसका प्रत्यक्ष लाभ लोगों को मिलता दिखाई दे रहा है। सरकार ने साइट्रिक स्पेशलिस्ट की पदस्थापना कोरबा के अस्पताल में हाल में ही की है। डॉ नीलिमा महापात्र ने बताया कि मनोरोग को लेकर लोगों के मन में कई प्रकार की भ्रांतियां बनी हुई हैं। हम स्पष्ट कर रहे हैं कि इसके अंतर्गत कई प्रकार के फंक्शन होते हैं और जिनका उपचार मनोरोग विशेषज्ञ की ओर से किया जाता है।
अनिद्रा से लेकर चिड़चिड़ापन भूत प्रेत और अवसाद जैसे लक्षण मनोरोग के अंतर्गत शामिल किए गए हैं। लोगों को यहां वहां की बातों में उलझने के बजाय इस प्रकार के लक्षण नजर आने पर सीधे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि बेहतर उपचार हो सके और लाभ मिल सके।
मेडिकल कॉलेज के डीन ने बताया कि समय के साथ हमारे यहां सहूलियत बढ़ रही है और कमियों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
विभिन्न विभागों के स्पेशलिस्ट की पदस्थापना किए जाने उसके बाद सरकारी हॉस्पिटल में ओपीडी और आईपीडी स्तर पर मरीजों की बड़ी संख्या को उपचार दिया जाना संभव हुआ है। लगातार इस बारे में जानकारी आसपास में पहुंच रही है और कुल मिलाकर इस के माध्यम से लोग अच्छी चिकित्सा प्राप्त करने के लिए सरकारी अस्पताल का रुख कर रहे हैं