Acn18.comकोरब/ कोरबा शहर में रेलवे की कथित मनमानी और लापरवाही ने आम जनता का जीना मुहाल कर दिया है। यहां कोयला लेकर जाने वाली मालगाड़ियों के संचालन में बरती जा रही अनियमितता के चलते लोगों को घंटों ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ रहा है, जिससे शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि रेलवे जानबूझकर कोरबा की जनता को परेशान कर रहा है। जानकारी के अनुसार, कोरबा यार्ड से बालको या पीसीई साइडिंग में कोयला लेकर जाने वाली मालगाड़ियों को अक्सर केवल सामने के सिंगल इंजन के सहारे ही रवाना कर दिया जाता है, जबकि नियमतः ऐसी प्रत्येक गाड़ी में पीछे एक अतिरिक्त लोको (इंजन) लगाकर चलाया जाना अनिवार्य है।
इस नियम का उल्लंघन करने का सीधा नतीजा यह होता है कि कोयले से लदी भारी ट्रेन ट्रांसपोर्ट नगर गेट को पार करते ही खड़ी हो जाती है। इसके तुरंत बाद दोनों रेलवे फाटक बंद हो जाते हैं, जिससे कोरबा शहर से निहारिका क्षेत्र में आवाजाही पूरी तरह ठप हो जाती है।
आम पब्लिक को इस स्थिति में बेतहाशा तकलीफ का सामना करना पड़ता है। लोग घंटों तक जाम में फंसे रहते हैं, जब तक कि कोरबा यार्ड से दूसरा लोको आकर रुकी हुई ट्रेन को धक्का लगाकर आगे नहीं बढ़ा देता। यह समस्या ज्यादातर शाम के समय और अधिक विकराल रूप ले लेती है, जब लोग अपने काम से लौट रहे होते हैं। इससे स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्रों, कार्यालय जाने वाले कर्मचारियों, मरीजों और आम राहगीरों को भारी असुविधा होती है।
प्रशासन और रेलवे दोनों मौन, जनता में भारी आक्रोश
स्थानीय निवासियों का कहना है कि वे इस समस्या से लंबे समय से जूझ रहे हैं, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से शहर के प्रशासनिक अधिकारी इस गंभीर विषय पर कोई संज्ञान नहीं ले रहे हैं। रेलवे अधिकारियों की ओर से भी इस मनमानीपूर्ण कार्यप्रणाली को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। जनता में इस बात को लेकर भारी आक्रोश है कि उनकी दैनिक दिनचर्या को प्रभावित करने वाली इस समस्या पर प्रशासन और रेलवे दोनों ही मौन क्यों हैं।