Acn18.com/कोरबा शहर को दो हिस्से में बांटने वाली बाई तट नहर की हालत जीर्ण शीर्ण हो चुकी है।नहर की हालत देख कर किनारे बसी बस्ती के लोग भयभीत हैं। लोगों का कथन है कि यदि नहर की मजबूती से मरम्मत नहीं की गई तो एक बार फिर नहर टूटेगी और लोगों के जीवन को खतरे में डाल देगी
जल संसाधन विभाग यानी सिंचाई विभाग द्वारा हसदेव बाई तट नहर का निर्माण कोरबा शहर के मध्य से किया गया। लगभग साढे तीन दशक पूर्व निर्मित इस नहर की हालत अत्यंत जर्जर हो चुकी है। लाइनिंग टूट चुकी है ,तटबंध भी जर्जर हो गए हैं। नहर की दुर्दशा देख इसके किनारे बसी बस्तियों के लोग भयभीत हैं। उनका कथन है की अगली बारिश में यह नहर निश्चित ही टूटेगी और लोगों का जीवन खतरे में डाल देगी
पूर्व पार्षद सुफल दास महंत ने बताया कि पिछले वर्ष भी इमली डुग्गू में नहर का एक हिस्सा टूट गया था वह तो ईश्वर की कृपा रही की नहर दिन में टूटी यदि रात में टूटी होती तो 40 से 50 लोगों की जल समाधि हो सकती थी
भाजपा कार्यकर्ता और पूर्व पार्षद सफल दास महंत ने कहा है कि यदि सिंचाई विभाग ने ध्यान नहीं दिया और नहर टूट गई तो फिर विभाग वालों की खैर नहीं होगी
गौरतलब है कि शहर के मध्य से निकली नहर पड़ोसी जिलों के किसानों के लिए तो वरदान साबित होती है लेकिन कोरबा शहर के लोग इस नहर के कारण अक्सर अपने परिवार के किसी ने किसी सदस्य को खो देते हैं। नहर के टूटे हिस्से जब पानी में डूब जाते हैं तो उसमें नहाने उतारे लोगों का पांव फस जाता है और वह डूब कर अपने प्राण गवा देते हैं। इस दिशा में राज्य सरकार जिला प्रशासन और सिंचाई विभाग को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए