छत्तीसगढ़ के बस्तर में 23 मार्च तक किरंदुल-विशाखापट्टनम पेसेंजर ट्रेन को छोड़कर अब एक भी यात्री ट्रेनें जगदलपुर स्टेशन नहीं आएगी। 17 मार्च से सभी यात्री ट्रेनें कोरापुट में ही रोकी जा रही है। यहीं से सभी ट्रेनें लौट रही है। बताया जा रहा है कि, ओडिशा के कुछ स्टेशनों के पास रेलवे आधुनिकीकरण का काम किया जा रहा है। जिसके चलते रेलवे ने ट्रेनों का 23 मार्च तक जगदलपुर तक परिचालन रोक दिया है। अब ऐसे में बस्तर के यात्रियों को एक बार फिर से परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
रेलवे के अफसरों के मुताबिक, केके रेल लाइन पर मल्लीगुड़ा और छत्रीपुट रेलवे स्टेशन में सुरक्षा से संबंधित आधुनिकीकरण का काम चल रहा है। इसी के चलते ईको (ईस्ट कोस्ट) रेलवे ने यात्री ट्रेनों का परिचालन जगदलपुर तक बंद करने का निर्णय लिया है। इनमें समलेश्वरी, हिराखंड, राउरकेला एक्सप्रेस के अलावा किरंदुल-विशाखापट्टनम पैसेंजर ट्रेन शामिल है। हालांकि, किरंदुल-विशाखापट्टनम नाइट एक्सप्रेस की आवाजाही बरकरार है। ये ट्रेनें पड़ोसी राज्य ओडिशा के कोरापुट रेलवे स्टेशन में ही रोकी जा रही है।
ऐसे में इन यात्री ट्रेनों के माध्यम से जो भी यात्री सफर करने वाले थे उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ यात्रियों ने बताया कि, उन्हें ट्रेन पकड़ने सड़क मार्ग से जगदलपुर से कोरापुट तक जाना पड़ा। जिसमें अधिक समय के साथ किराया भी अधिक लग रहा है। एकाएक रेलवे की तरफ से यात्री ट्रेनों को बंद करने का निर्णयल लेने से यात्रियों में काफी नाराजगी भी देखी जा रही है।
मालगाड़ी की आवाजाही बरकरार
आधुनिकीकरण के काम के चलते रेलवे ने यात्री ट्रेनों को बंद करने का निर्णय ले लिया है, लेकिन मालगाड़ियों की आवाजाही बरकरार रहेगी। रोजाना किरंदुल-बचेली से विशाखापट्टनम तक आयरन ओर की ढुलाई करने करीब 30 से ज्यादा मालगाड़ियों की आवाजाही होती है। यदि इन मालगाड़ियों को रोका जाएगा तो रेलवे और NMDC को करोड़ों रुपए का नुकसान झेलना पड़ेगा। इसलिए रेलवे ने सिर्फ यात्री ट्रेनों के परिचालन पर ब्रेक लगाया है।
जगदलपुर से चलती है ये ट्रेनें
हिराखंड एक्सप्रेस – जगदलपुर से भुवनेश्वर तक
किरंदुल-विशाखापट्टनम एक्सप्रेस – किरंदुल से जगदलपुर होते हुए विशाखापट्टनम तक
किरंदुल-विशाखापट्टनम पैसेंजर ट्रेन – किरंदुल से जगदलपुर होते हुए विशाखापट्टनम तक
जगदलपुर-राउरकेला एक्सप्रेस – जगदलपुर से राउरकेला तक
समलेश्वरी एक्सप्रेस – हावड़ा से जगदलपुर तक