ACN18.COM कोरबा/साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के सीएसआर फंड से तैयार की जा रही कुसमुंडा तरदा फोरलेन सड़क के काम में लगे इंजीनियर चालक और मजदूर अपने रोजगार जाने की चिंता से परेशान हैं। अनुबंधित विभाग लोक निर्माण में ठेका कंपनी का नवंबर के बाद भुगतान नहीं किया है। 20 करोड़ की राशि प्राप्त नहीं होने से परेशान लोगों ने लोनीबी के कार्यपालन अभियंता को घेरने के साथ जमकर खरी-खोटी सुनाई।
जानकारी के अनुसार लगभग 200 करोड़ रुपए की लागत से इमली छापर तरदा फोरलेन सड़क बनाई जा रही है इसमें होने वाला पूरा खर्च एसईसीएल दे रहा है. 2 वर्ष पहले इस काम के लिए लोक निर्माण विभाग के साथ महाराष्ट्र के नागपुर की एस एम एस कंपनी ने अनुबंध किया था और काम चालू किया। जानकारी मिली है कि लगातार काम होने के बावजूद भुगतान करने में रुचि नहीं ली जा रही है। ऐसे में कंपनी के मजदूरों ने वास्तविकता जानने के लिए दबाव बनाया और आज अपने जीएम के साथ लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता कार्यालय जा पहुंचे। यहां काफी इंतजार करने के बाद अधिकारी अशोक वर्मा पहुंचे जिनसे इस बारे में जानकारी ली गई। कंपनी के जीएम केके शर्मा ने पूरे तेवर के साथ समस्याओं पर बातचीत की।
काफी संख्या में निर्माण कार्य में लगे लोग यहां आए थे। इन्हीं में शामिल इंजीनियर विशाल सिंह ने बताया कि लगभग 250 मजदूर कंपनी में अलग अलग भूमिका में काम कर रहे हैं जिनके सामने अब रोजगार जाने का खतरा बना हुआ है। इसलिए लंबित भुगतान की मांग की जा रही है। ठेका पर काम कर रही कंपनी के जनरल मैनेजर केके शर्मा ने बताया कि डेट बर्थ से हम लोग काम कर रहे हैं। जमीन देने के मामले में गंभीरता नहीं दिखाई गई। फिर भी 27 में से 11 किलोमीटर का काम हमने काफी तेजी से किया है। इसके बाद भी भुगतान करने में रुचि नहीं ली जा रही है।
केके शर्मा ने बताया कि लगातार फंड जारी होने की प्रक्रिया बनी हुई है लेकिन हमें भुगतान देने में आनाकानी की जा रही है। इससे आने वाले वर्षा काल में दिक्कतें हो सकती है। और बहुत लोगों का रोजगार छिन सकता है ठेका कंपनी को इस बात की भी चिंता है कि कामकाज नहीं होने से ना केवल एसईसीएल का काम रूकेगा बल्कि आम लोगों को दिक्कतें होंगी। विकास ठप होने से लोगों की परेशानियां बढ़ेंगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमने एग्रीमेंट लोक निर्माण विभाग से किया है इसलिए हम उससे ही भुगतान प्राप्त करेंगे।इस मामले को लेकर लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता अशोक वर्मा से मीडिया ने बातचीत की तो कुछ देर तक वे चुप रहे। उन्होंने बताया कि 20 करोड़ का बिल अटका हुआ है। इसे जल्द दिखाया जाएगा।
याद रहे इससे पहले भी एक मौके पर भुगतान संबंधी कारणों से फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य अटक गया था। इस दौरान कई प्रकार की बातें सामने आई थी। अब कहां जा रहा है कि सत्यापन से लेकर गुणवत्ता का कोई विषय है ही नहीं। इन सब के बावजूद ठेका कंपनी को तारीख क्यों दी जा रही हैं और परेशान क्यों किया जा रहा है यह समझ से परे हैं। अगर यही हाल रहा तो तय माना जाना चाहिए कि जो समय सीमा निर्माण कार्य के लिए रखी गई है उस में विलंब होगा ही।