spot_img

हमारे कका आ रहे हैं…:भेंट-मुलाकात के बहाने CM तलाश लेते हैं काम की बात; गांव, बचपन, खेल-खाना और उम्मीदों के भूपेश

Must Read

ACN18.COM जशपुर/मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश के लोगों से भेंट-मुलाकात करने निकले हैं। सामान्य तौर पर यह कार्यक्रम सरकारी योजनाओं की नब्ज टटोलने का और जनता से सीधे मुलाकात करने का लगता है।इसका सेटअप भी ऐसा ही है, लेकिन जब मुख्यमंत्री बघेल अचानक किसी बूढ़े आदिवासी, उम्र दराज ग्रामीणों से वहां की जड़ी-बूटी, सब्जी-भाजी के गुणों की बात करने लगते हैं तो लगता है कि सीएम किसी और तलाश में भी हैं।

- Advertisement -

दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पिछले दिनों कोरिया और जशपुर जिलों के दौरे पर थे। उनके साथ दैनिक भास्कर छत्तीसगढ़ के डिजीटल हेड विश्वेश ठाकरे भी इस सफर के साक्षी बने। इस दौरान मुख्यमंत्री की कार्यप्रणाली और लोगों से उनकी मुलाकात, बात और व्यवहार को देखा। जहां वो एक राजनेता, प्रशासनिक अफसर, सेवक के रूप में नजर आए।

रामगढ़ में गांव के ही देवनारायण सिंह के यहां भोजन के लिए पहुंचे। यहां दोना-पत्तल में पारंपरिक भोजन परोसा गया।
रामगढ़ में गांव के ही देवनारायण सिंह के यहां भोजन के लिए पहुंचे। यहां दोना-पत्तल में पारंपरिक भोजन परोसा गया।

जब मैने उनसे इस तरह की चर्चा के बारे में पूछा तो वे मुस्कुराते हुए बोले- जशपुर की चुनचुनिया भाजी में वो गुण है कि यदि उसकी चटनी रोज खाई जाए तो पेट की, शरीर की उष्णता कम कर देती है।अनिद्रा की बीमारी में यह बेहद कारगर है। ऐसे ही हमारे यहां ब्राह्मी भी बहुतायत में है, जो दिमाग तेज करने, याददाश्त बढ़ाने, डिप्रेशन दूर करने की सटीक दवा है। ऐसी तमाम जड़ी-बूटियों, फूल-पत्तियों की खेती को बढ़ाने, इसे प्रोसेस करने के लिए हम बड़ी कार्ययोजना लाने वाले हैं। सबसे अच्छी बात है, इनसे बनने वाली मेडिसिन का पहले से ही बड़ा मार्केट है।

हमने सी मार्ट भी इसीलिए खोले हैं कि छत्तीसगढ़ के मौलिक प्रोडक्ट लोगों तक पहुंच सकें। वहां भी इन्हें रखा जाएगा। इससे गांव-गांव के लोग आत्मनिर्भर हो जाएंगे। मुख्यमंत्री कहते हैं कि इसीलिए मैं गांव-गांव में जहां रुकता हूं, ग्रामीणों के साथ भोजन करता हूं, जहां रात्रि विश्राम करता हूं, ज्यादा से ज्यादा बुजुर्ग, अनुभवी लोगों से मिलता हूं।उनसे वहां की स्थानीय वनस्पतियों, गांवों में ही बनाई जा रही दूसरी चीजों की जानकारी लेता हूं।

मुख्यमंत्री को लेकर छात्राओं में भी बहुत उत्साह दिखाई दिया। वे हाथों में पोस्टर लेकर पहुंची थीं।
मुख्यमंत्री को लेकर छात्राओं में भी बहुत उत्साह दिखाई दिया। वे हाथों में पोस्टर लेकर पहुंची थीं।

जैसे कई गांवों की झाड़ू की डिमांड है। बस्तर के महुए की डिमांड है। ऐसी बहुत सी चीजें हैं जिनका इंटरनेशनल मार्केट है। उसे पहचानने और यहां गांवों के वास्तविक उत्पादकों, निर्माताओं के बीच चैनल बनाने की जरूरत है। हम ये करेंगे और छत्तीसगढ़ के गांव-गांव को वहीं के उत्पादों से समृद्ध बना देंगे।

मुख्यमंत्री बघेल के इस विचार ने, जिस कार्यक्रम को पूरी तरह प्रशासनिक, राजनीतिक समझा जा रहा है, उसे एक नया आयाम दे दिया।अभी यह बात चल ही रही थी कि पायलट ने बताया कि हम कोरिया जिले की भरतपुर-सोनहत विधानसभा सीट के बहरासी गांव में लैंड करने वाले हैं। यहां मुख्यमंत्री के भेंट-मुलाकात का 61वां कार्यक्रम था।4 मई से शुरू इस कार्यक्रम में उन्होंने अभी तक 12 जिलों के 22 विधानसभा क्षेत्र के करीब 60 गांवों में जन चौपाल लगाई है।

बहरासी की बात

दोपहर 1 बज कर 37 मिनट हुए हैं। हैलीपैड की बाउंड्री पर ही सैकड़ो ग्रामीणों की भीड़ हाथ हिला रही है। बाहर निकलने के रास्ते पर नेता स्वागत के लिए खड़े हैं। चारों ओर से दाऊ जिंदाबाद, कका जिंदाबाद के नारे लग रहे हैं। कुछ ही दूरी पर पंडाल लगा है और मेज-कुर्सी की औपचारिकता की जगह, तखत और गाव-तकिए लगे हैं।मुख्यमंत्री, कोरिया के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू हैलीपैड से बाहर की ओर बढ़ते हैं। स्थानीय विधायक गुलाब कमरो स्थानीय नेताओं के साथ स्वागत करते हैं।

यहां कोरिया के कमिश्नर, आईजी, कलेक्टर, एसपी सहित कई अधिकारी मौजूद हैं। दूसरे हेलिकाप्टर से तब तक ऊर्जा विभाग के सचिव अंकित आनंद, एस प्रकाश, आईजी आनंद छाबड़ा भी पहुंच जाते हैं। भीड़ का अभिवादन करते हुए मुख्यमंत्री कार्यक्रम स्थल की ओर चल देते हैं। कुछ ही क्षणों में बीच वाले तखत पर बैठे मुख्यमंत्री सीधे जनता से रूबरू हो जाते हैं। शुरुआत होती है परिचय से।

चौपाल के दौरान मुख्यमंत्री ने तीरंदाजी का भी हुनर दिखाया।
चौपाल के दौरान मुख्यमंत्री ने तीरंदाजी का भी हुनर दिखाया।

मुख्यमंत्री लोगों से कहते हैं कि आपकी समस्या सुनने और उसे तुरंत सुलझाने रायपुर से अफसरों को साथ लाया हूं। वे खुद ही जनता से पूछते हैं कि गोधन न्याय योजना कैसी चल रही है। जवाब में जनकपुर गौठान की नीलिमा ने बताया कि उनके समूह ने दो साल में 13 सौ क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट बेचा है। इससे 13 लाख रुपए की आय हुई है। समूह की महिलाओं को अच्छी आय हुई है और वे उसे अपने बच्चों की पढ़ाई में खर्च कर रही हैं।

इसी बीच वहां पहुंचे स्वामी आत्मानंद स्कूल के बच्चों ने इनडोर स्टेडियम और हाई स्कूल को हायर सेकेंडरी तक करने की मांग कर दी। मुख्यमंत्री ने बच्चों से इंग्लिश में बात करने कहा। बच्चों ने फर्राटेदार इंग्लिश में अपनी मांग दोहरा दी। खुश मुख्यमंत्री ने तुरंत मांगे मान ली। ग्रामीणों ने कहा पट्टा बांटने में गड़बड़ी हुई है। सीएम ने बंदोबस्त शिविर लगाकर रिकार्ड ठीक कराने के आदेश दिए।विधायक ने जनकपुर को नगर पंचायत बनाने सहित विकास की कई मांगे रखीं, सभी स्वीकृत हो गई। इसी बीच मुख्यमंत्री खुद ही जनता से मिलने पहुंच गए।उनके साथ फोटो लेने की होड़ में सुरक्षाकर्मियों को खासी मशक्कत करनी पड़ी। जनता से सीधे मिलने और उनकी सभी मांगें मान लेने के बाद सीएम अगले पड़ाव रामगढ़ के लिए रवाना हो गए।

सीएम ने हायर सेकेंडरी स्कूल की बालिका हॉकी टीम से मुलाकात की। खिलाड़ियों के आग्रह पर उन्होंने पेनाल्टी स्ट्रोक से गोल भी दागा।
सीएम ने हायर सेकेंडरी स्कूल की बालिका हॉकी टीम से मुलाकात की। खिलाड़ियों के आग्रह पर उन्होंने पेनाल्टी स्ट्रोक से गोल भी दागा।

रामगढ़ में पेनाल्टी स्ट्रोक और लकड़ा की चटनी

रामगढ़ की भेंट-मुलाकात बहरासी से ज्यादा आत्मीय थी। यहां मुख्यमंत्री आदिवासी कन्या आश्रम की बच्चियों के साथ घुलमिल गए। उन्होंने आश्रम परिसर में चंदन का पौधा रोपा। स्मार्ट क्लास देखी और बच्चियों से खूब बातें की। यहां की शालिनी ने पूछा कि हेलीकाप्टर से हमारा रामगढ़ कैसा दिखता है, मुख्यमंत्री ने कहा बहुत सुंदर। बच्चों ने सीएम से उनके बचपन के बारे में पूछा। सीएम बोले उनका पूरा बचपन रामगढ़ जैसे गांव में ही बीता है। वे चरवाहों के साथ घर में बिना बताए चले जाते थे, लौटते तो बहुत डांट पडती। उन्हें गिल्ली-डंडे का खेल बहुत पसंद था।

स्मार्ट क्लास देखी और बच्चियों से खूब बातें की। बच्चों ने सीएम से उनके बचपन के बारे में पूछा। सीएम बोले उनका पूरा बचपन रामगढ़ जैसे गांव में ही बीता है।
स्मार्ट क्लास देखी और बच्चियों से खूब बातें की। बच्चों ने सीएम से उनके बचपन के बारे में पूछा। सीएम बोले उनका पूरा बचपन रामगढ़ जैसे गांव में ही बीता है।

खाने में मां के हाथ के गुलाब जामुन तो वह बचने ही नहीं देते थे। इसके बाद सीएम ने हायर सेकेंडरी स्कूल की बालिका हॉकी टीम से मुलाकात की। खिलाड़ियों के आग्रह पर उन्होंने पेनाल्टी स्ट्रोक से गोल भी दागा।ग्रामीणों ने जो भी मांगे रखीं उन्हें सभी को स्वीकृत कर सीएम भूपेश, गांव के ही देवनारायण सिंह के यहां भोजन के लिए पहुंचे। यहां दोना-पत्तल में पारंपरिक भोजन परोसा गया।इसमें पहेटा का पापड़ और लकड़ा की चटनी की सीएम ने जमकर तारीफ की। परिवार की महिलाओं का स्वादिष्ट भोजन के लिए आभार जताया।

रजौली में राजीव गांधी की याद

रजौली पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को फूल साय, मिल साय और मिल साय की बहन लवांगो से मिलवाया गया। बताया गया कि 38 साल पहले 1984 में जब राजीव गांधी का हेलीकाप्टर यहां के कटगोड़ी में उतरा था। वे कार से आनंदपुर गांव भी पंडो जनजाति के लोगों से मिलने पहुंचे थे। यहां उन्होंने फूल साय के दादा रामचरण साय को पीपल का एक पौधा दिया था और उसकी देखभाल करने कहा था। फूल साय ने बताया कि वही पीपल का पौधा अब डेढ़ सौ फीट का विशाल वृक्ष हो गया है।

राजीव गांधी से मुलाकात करने वाले फायर वॉचर से भी मुलाकात की।
राजीव गांधी से मुलाकात करने वाले फायर वॉचर से भी मुलाकात की।

राजीव गांधी ने यहीं फारेस्ट के रेस्ट हाउस में लंच किया था। तब उस समय मिल साय फायर वॉचर थे। वे बताते हैं कि सोनिया गांधी और राहुल-प्रियंका भी उनके साथ थे। उन्होंने सिद्धा फल की माला राजीव गांधी को पहनाई थी। मिल साय ने राजीव गांधी को बताया था कि यह माला आदिवासी बुरी नजर से बचाने के लिए पहनते हैं। लवांगो ने लंच के दौरान गांधी परिवार को भोजन परोसा था। मुख्यमंत्री ने यह जानने के बाद इन तीनों को अपने साथ बैठाया और जनता से परिचय कराया।मुख्यमंत्री ने पीपल के उस वृक्ष को सहेजने के आदेश भी दिए।

रामगढ़ की भेंट-मुलाकात बहरासी से ज्यादा आत्मीय थी। यहां मुख्यमंत्री आदिवासी कन्या आश्रम की बच्चियों के साथ घुलमिल गए।
रामगढ़ की भेंट-मुलाकात बहरासी से ज्यादा आत्मीय थी। यहां मुख्यमंत्री आदिवासी कन्या आश्रम की बच्चियों के साथ घुलमिल गए।

प्लांटेड लोगों को पहचान लेते हैं सीएम

इस पूरे भेंट-मुलाकात में एक विशेष बात और नजर आती है। दरअसल सीएम के सामने भीड़ में वहां के अफसर ऐसे लोगों को बैठा देते हैं, जिन्हें पहले से ही सरकारी योजनाओं की तारीफ करना सीखा दिया जाता है। कोरिया में भी ऐसा हुआ, लेकिन जैसे ही ऐसे लोग रटारटाया जवाब देना शुरू करते, मुख्यमंत्री तुरंत पता कर लेते कि ये लोग किसी के सीखाने से ऐसा कर रहे हैं, फिर वे तत्काल माइक जनता को देने कहते हैं। ऐसा तकरीबन हर सभा में हुआ और इसके चलते सीएम वास्तविक जनता से, उनकी समस्याओं से रूबरू हो सके।

 मूलभूत सुविधाओं से महरूम है ग्रामीण , कीचड़ की वजह से रास्ता चलना मुश्किल, बिजली की कटौती से लोग परेशान

377FansLike
57FollowersFollow


v

377FansLike
57FollowersFollow
Latest News

मतदान के प्रति जन-जागरूकता लाने विशेष अभियान* *जाबो कार्यक्रम अंतर्गत किया जा रहा विभिन्न गतिविधियों का आयोजन*

Acn18. Comरायपु/ नगरीय निकाय एवं पंचायत आम चुनाव को स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराने के लिए बलरामपुर...

More Articles Like This

- Advertisement -