acn18.com कोरबा /चैत्र नवरात्र का आगाज होने के साथ ही पूरा कोरबा जिला शक्ति की आराधना में जुट गया है। लोक कल्याण की कामना लिए जगह जगह मां आदिशक्ति की पूजापाठ हो रही है। माता के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए लोग सर्वमनोकामना ज्योत भी जलवा रहे है। कोरबा के सीतामणी में मौजूद राम जानकी मंदिर में ज्योत जलाने की एक अनोखी परंपरा है जिसका निर्वहन पिछले कई दशकों से किया जा रहा है। यहां हजारों या सैकड़ों की संख्या में बल्की एक ही ज्योत जलती है वो भी घी की। घी के ज्योत जलाने के पीछे एक अनोखी कहानी है जिसे आज हम आपको रुबरु करवाने जा रहे है।
कोरबा के सीतामणी में मौजूद प्राचीन राज जानकी का मंदिर क्षेत्र के लोगों के लिए आस्था का एक बड़ा केंद्र है। श्रीराम गुफा के नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर में हर साल नवरात्री के दौरान सर्वमनोकामना ज्योत प्रज्जवलित की जाती है। यहां ज्योत जलाने की एक अनोखी परंपरा है जिसका निर्वहन पिछले तीन दशकों से किया जा रहा है। यहां केवल एक ज्योत जलाई जाती है और वो भी घी की। महंगाई के इस दौर में घी के ज्योत जलवाना हर किसी के बस की बात नहीं है। लोगों की मनोकामना भी पूरी हो जाए और जेब पर अधिक भार भी न पड़े इस कारण इस मंदिर में भक्तों से नाममात्र की दक्षिणा ली जाती है और उसके नाम से एक धागा लिया जाता है,भक्तों की संख्या के हिसाब से सभी धागों को आपस में पिरोकर एक बाती बनाई जाती है और उसी से पूरे नौ दिन घी के जोत जलाए जाते हैं। अमीर गरीब का भेदभाव किए बगैर घी के जोत जलाने की परंपरा पिछले लंबे समय से कायम है जिसे मंदिर के पुजारी ने आज तक कायम रखा है।
वैसे तो पूरे वर्ष यहां भक्तों का तांता लगा रहता है लेकिन नवरात्र के समय यहां भक्तों की भीड़ अपेक्षा के अनुरुप और भी बढ़ जाती है। इस मंदिर को लेकर भक्तों में खासा लगाव है। नियमित रुप से मंदिर आने वाले भक्त बताते हैं,कि यहां सच्चे मन से मांगी कई हर मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है।
कोरबा जिले में तो वैसे कई शक्तिस्थल है,जो भक्तों की आस्था का केंद्र बिंदु है लेकिन राम जानकी का यह मंदिर कई मायनों में महत्वपूर्ण है। अपनी ज्योत जलाने की अनोखी परंपरा के साथ-साथ ऐतिहासिक उपलब्धियों को लेकर यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है। चैत्र नवरात्र के पूरे नौ दिनों तक यहां भक्तों की भीड़ लगी रहेगी और सभी माता के प्रति अपनी आस्था प्रकट करेंगे।